प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा, 20 लाख रुपए की ग्रेच्युटी होगी टैक्स फ्री
नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पास हो गया है। इस बिल के पास होने से प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को बड़ा फायदा होगा। अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे लोगों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकेगी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी का प्रावधान है। लोकसभा में श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उपदान भुगतान (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित करने के लिये पेश किया। विपक्षी सदस्यों ने इन बिलों पर बहस और मत विभाजन की मांग की थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच बिल को बिना बहस के ही ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
10 से 20 लाख हो गई टैक्सी फ्री ग्रेच्युटी की सीमा
अभी संगठित क्षेत्र में 5 साल या इससे ज्यादा अवधि तक नौकरी कर चुके कर्मचारी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने के बाद 10 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी के योग्य माने जाते हैं। लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह सीमा दुगुनी हो जाएगी। सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिये ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया।
टैक्स फ्री सीमा 2010 में तय की गई थी
इससे पहले ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा 2010 में तय की गई थी। तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेकिन लोकसभा में इस बिल के पास होने के बाद टैक्स फ्री ग्रेच्युटी का 20 लाख रुपये होने का रास्ता साफ हो गया है।
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी आपके वेतन, यानी आपकी सैलरी का वह हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानी एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। ग्रेच्युटी वह लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को कंपनी द्वारा दिया जाता है। कब मिलेगी-ग्रेच्युटी किसी भी ऐसे कर्मचारी को दी जानी होती है, जो नौकरी में लगातार 4 साल, 10 महीने, 11 दिन तक काम कर चुका हो। ऐसे कर्मचारी की सेवा को पांच साल की अनवरत सेवा माना जाता है, और आमतौर पर पांच साल की सेवाओं के बाद ही कोई भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बनता है।
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