मोहम्मद अजरुद्दीन ने कांग्रेस आलाकमान से कहा- सिकंदराबाद सीट से लड़ना चाहता हूं 2019 का चुनाव
नई दिल्ली। c, लेकिन 2014 में उन्होंने राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से टिकट दिया गया था, जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।
अजहर ने इस बार पहले से ही पार्टी आलाकमान के सामने अपनी इच्छा जाहिर कर दी है, ताकि उन्हें वही सीट लड़ने को मिले, जहां उनकी जीत की संभावनाएं ज्यादा हों। पूर्व सांसद ने कहा कि उनके बारे में अंतिम फैसला पार्टी के आलाकमान को करना है, लेकिन उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। तेलंगाना अजहर का गृह राज्य है, इसलिए वह सिकंदराबाद से ही किस्मत आजमाना चाहते हैं। अजहर ने कहा कि कई लोगों ने उनसे कहा कि इस बार का चुनाव उन्हें अपने गृह राज्य से ही लड़ना चाहिए। अजहर ने कहा, 'मैंने सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र में कई जगहों का दौरा किया है। गांव में भी गया हूं, किसानों से बात की और उन सभी का मन है कि मैं सिकंदराबाद से चुनाव लड़ूं।'
अजहर ने आगे कहा, 'मैंने अपनी भावनाएं पार्टी को बता दी हैं। यहां मैं कप्तान नहीं हूं और पार्टी का निर्णय ही अंतिम होगा।' हां, लेकिन अजहर ने मंझे हुए राजनेता की शैली में पार्टी को संदेश देते हुए यह जरूर कहा कि वह कप्तान होते तो फौरन इस संसदीय क्षेत्र को चुन लेते। सिकंदराबाद से जीतने की संभावनाओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जीत-हार के बारे में नहीं सोचते। वैसे अजहर भले ही कह रहे हैं कि वह जीत-हार के बारे में नहीं सोचते, लेकिन उनकी बातों से साफ झलक रहा है कि उन्होंने जीत-हार के बारे में पूरी तरह से विचार करने के बाद ही सिकंदराबाद सीट को चुना है। 2014 की हार का दर्द निश्चित ही उन्हें अब तक साल रहा होगा, इसलिए 2019 में वह हार हाल में जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं।