Lok Sabha Electons 2019: कन्नौज में इस मास्टर प्लान से भाजपा बिगाड़ सकती है डिंपल यादव का खेल
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से अपनी वापसी के लिए समाजवादी पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगी है। प्रदेश में भाजपा की चुनौती से निपटने के लिए सपा ने अपने धुर विरोधी बसपा के साथ हाथ मिलाया और प्रदेश में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। लेकिन जिस तरह से कांग्रेस ने इस गठबंधन में शामिल होने से इनकार किया और प्रदेश में 11 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। प्रदेश में बदले सियासी समीकरण के बीच सपा एक बार फिर से अपनी रणनीति को लगातार बेहतर करने में लगी है। इसी कड़ी में सपा ने अपने गढ़ कन्नौज से डिंपल यादव को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है।
बॉलीवुड स्टार को उतार सकती है भाजपा
कन्नौज में सपा के दांव से निपटने के लिए भाजपा ने इस सीट पर बॉलीवुड स्टार को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। ऐसे में अगर भाजपा यहां से किसी दिग्गज बॉलीवुड स्टार को मैदान में उतारती है तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है। भाजपा दावा कर रही है कि वह कन्नौज लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी। लेकिन भाजपा के लिए यह चुनौती आसान नहीं होने वाली है क्योंकि कन्नौज शुरुआत से ही सपा का गढ़ रहा है।
डिंपल यादव ने बचाई लाज
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी लहर में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया था और सपा मुश्किल से चार सीट पर जीत दर्ज कर पाई थी, उस वक्त भी सपा कन्नौज की सीट को बचाने में सफल हुई थी। अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने यहां से जीत दर्ज करके पार्टी की लाज बचाई थी। लेकिन इस बार सपा के गढ़ में भाजपा दावा कर रही है कि वह यहां से उम्मीदवार उतारेगी और बड़े अंतर से चुनाव जीतेगी। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हुआ है कि इस सीट पर कौन उम्मीदवार होगा।
तीन में से दो सीटें भाजपा ने जीती
भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत का कहना है कि कन्नौज में हमने सभी 1474 बूथ को मजबूत किया है, ऐसे में सपा-बसपा के गठबंधन का हमपर कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां पर चुनाव त्रिकोणीय होगा, ऐसे में इसका सीधा लाभ भाजपा को होगा। राजपूत ने बताया कि कन्नौज में तीन विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 2017 में हमने तीन में से दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। कन्नौज के लोगों का सपा से भरोसा उठ गया है। कन्नौज का युवा भाजपा के साथ है, वह पीएम मोदी के नेतृत्व से काफी प्रभावित है।
बिगड़ सकता है सपा का खेल
राजपूत ने बताया कि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कानपुर, बुंदेलखंड की 10 सीटों में से 9 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। हमे सिर्फ कन्नौज की सीट पर हार मिली थी, लेकिन सपा ने यहां बेईमानी से जीत दर्ज की थी। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। बता दें कि कन्नौज में सबसे अधिक ओबीसी, ब्राह्मण और मुस्लिम वोटर हैं। ऐसे में अगर सपा के खाते से आधे मुसलमानों के वोट कटते हैं तो इसका सीधा भाजपा भाजपा को होगा। भाजपा यहां ब्राह्मण और ओबीसी वोटर्स को साधने में जुटी है।
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