जब ट्रेन में आमने-सामने की सीट पर बैठे रो रहे थे शत्रुघ्न और पूनम सिन्हा
पटना। पूनम सिन्हा भी अपने पति शत्रुघ्न सिन्हा के नक्शेकदम पर चल पड़ी हैं। वे भी अभिनेत्री से नेत्री बन गयीं । उन्होंने साइकिल की सवारी तय की है। अब चुनाव मैदान में उनकी मकबूलियत का इम्तहान होने वाला है। पूनम सिन्हा का असल नाम पूनम चांदीरमानी है। वे फिल्म अभिनेत्री रही हैं। शत्रुघ्न सिन्हा से उनकी शादी एक हसीन इत्तेफाक है। कहां हैदराबाद की पूनम और कहां पटना के शत्रुघ्न सिन्हा, लेकिन किस्मत ने इस मोड़ पर ला दिया कि दोनों जीवन साथी बन गये।
पूनम चांदीरमानी
पूनम सिन्हा का मूल नाम पूनम चांदीरमानी है। उनका जन्म हैदराबाद के एक सिंधी परिवार में हुआ था। पूनम चांदीरमानी को शुरू से ग्लैमर की दुनिया में दिलचस्पी थी। इसी दौरान उन्होंने 1968 में मिस यंग इंडिया का खिताब जीत लिया। उस दौर में ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतने का मतलब होता था फिल्मी दुनिया में दाखिल होने का टिकट। सौंदर्य प्रतियोगिता जीतने के बाद पूनम भी अपनी किस्मत आजमाने मुम्बई कूच कर गयीं।
पूनम चांदीरमानी जब मुम्बई पहुंची तो कुछ संघर्ष के बाद उनको मॉडलिंग का काम मिला। फिर कुछ फिल्मों में भी काम मिलने लगा। फिल्मी पर्द के लिए पूनम को अपना नाम कुछ बड़ा लगा। इसलिए उन्होंने अपना नाम कोमल कर लिया। वे कोमल के नाम से फिल्मों में काम करने लगीं। उनकी पहली बड़ी फिल्म जीतेन्द्र के साथ जिगरी दोस्त थी। ये फिल्म 1968 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में मुमताज के साथ वे सहायक अभिनेत्री थीं। फिर उनको आदमी और इंसान फिल्म में भूमिका मिली। बहुत संघर्ष के बाद भी वे मुख्यधारा की हीरोइन नहीं बन पायी। फिल्म आग और दाग, शैतान, दिल दिवाना जैसी फिल्मों में काम किया लेकिन इनमें से कोई भी टिकट खिड़की पर सफल नहीं रही। बहुत साल बाद उन्होंने फिल्म जोधा अकबर में ऋतिक रोशन की मां की भूमिका निभायी थी।
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शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात
पूनम सिन्हा अपनी मां के साथ एक रिश्तेदार के यहां पटना आयीं थीं। फिल्मों में काम को लेकर उनकी मां ने उन्हें डांट लगायी थी। पूनम चांदीरमानी पटना से मुम्बई जा रही थीं। जिस ट्रेन से वे मुम्बई जा रही थीं उसमें शत्रुघ्न सिन्हा भी सवार थे। उन दिनों वे पुणे फिल्म संस्थान में एक्टिंग की पढ़ाई कर रहे थे। इत्तेफाक से दोनों की सीट आमने सामने थी। शत्रुघ्न सिन्हा ने घर वालों का नाराज कर के पुणे जाने का फैसला लिया था। पूनम को मां ने डांट लगायी थीं। अलग-अलग कारणों से दोनों रो रहे थे। दोनों का ध्यान एक दूसरे की तरफ गया। शत्रुघ्न सिन्हा पूनम की सुंदरता पर मोहित हो चुके थे। लेकिन वे बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये।
बहुत मुश्किलों के बाद हुई शादी
शत्रुघ्न सिन्हा इस मुलाकात को भूल नहीं पाये थे। वे फिल्मी दुनिया में सक्रिय रहे लेकिन से पूनम से शादी के लिए हर मुमकिन कोशिश करते रहे। शत्रुघ्न सिन्हा पहले फिल्मों खलनायक के रूप में स्थापित हुए थे। उस समय पूनम मुम्बई में अपनी मां के साथ रहती थीं। इस बीच 1973 में उनको शत्रुघ्न सिन्हा के साथ फिल्म ‘सबक' में काम करने का मौका भी मिला। दोनों में दोस्ती और बढ़ गयी। शत्रुघ्न पूनम को शादी के लिए राजी करना चाहते थे लेकिन बात बन नहीं रही थी। एक दिन शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बड़े भाई राम सिन्हा और फिल्म निर्माता निर्देशक एन एन सिप्पी को पूनम के घर रिश्ते के लिए भेजा। पूनम की मां ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी मिस यंग इंडिया रही है, गोरी और सुंदर है जबकि शत्रुघ्न सिन्हा का चेहरा कटा हुआ है और वे फिल्मों में गुंडा बनते हैं। दोनों में कोई मेल नहीं है। इस इंकार से शत्रुघ्न सिन्हा को बहुत झटका लगा। लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। आखिरकार पूनम के माता-पिता इस शादी के लिए राजी हो गये। 1980 में दोनों की शादी हो गयी।
रीना राय के प्रकरण से वाकिफ थीं पूनम
पूनम सिन्हा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे शत्रुघ्न सिन्हा और रीना राय के अफेयर से वाकिफ थीं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी जीवनी लिखा है कि उनका रीना राय से करीब सात साल तक रिश्ता चला। पूनम को जब शत्रुघ्न सिन्हा और रीना राय से अफेयर की बात मालूम हुई तो वे उनके बीच से हट गयीं। लेकिन शत्रुघ्न ने फिर पूनम को शादी के लिए मना लिया। शादी के बाद भी जब शत्रुघ्न सिन्हा का रीना राय से मेलजोल जारी रहा तो पूनम नाराज हो गयीं थीं। घर वालों और पूनम ने शत्रुघ्न सिन्हा को बहुत समझाया- बुझाया। इसके बाद रीना राय प्रकरण खत्म हुआ। पूनम सिन्हा ने अपने घर को बचाने और बनाने में बहुत समझदारी का परिचय दिया है। फैसला लेने में उनको महारत हासिल है। अब देखना है कि सियासत की दुनिया में वे कौन सा मुकाम बनाती हैं।
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