जब सांसद होते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने नाटक में किया अभिनय, देखने पहुंचे नीतीश और लालू
पटना। सांसद बनने के बाद भी शत्रुघ्न सिन्हा का अभिनय से प्रेम कम नहीं हुआ है। उनकी एक नाट्य मंडली भी है जो देश और विदेश में नाटकों का मंचन करती है। उनकी पुत्री सोनाक्षी सिन्हा मशहूर फिल्म अभिनेत्री हैं। सोनाक्षी के कहने पर 2016 में शत्रुघ्न सिन्हा ने सांसद रहते एक नाटक में अभिनय किया था जिसको देखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव भी आये थे।
पति, पत्नी और मैं
'पति, पत्नी और मैं' एक हास्य नाटक है। शत्रुघ्न सिन्हा की नाट्य मंडली ने इसका मंचन देश के कई शहरों में किया है। विदेश तक दिखाया गया है। इस नाटक के निर्देशक हैं रमेश तलवार। शत्रुघ्न सिन्हा, डिंपल डांडिया, भवना बलसावर और राकेश बेदी इसके नियमित कलाकार हैं। यह नाटक हास्य और व्यंग्य के माध्यम से जीवन की सच्चाई बयां करता है। एक लड़का और लड़की मिलते हैं। एक दूसरे को पसंद करते हैं। फिर शादी कर लेते हैं। शादी के बाद नमक-तेल-रोटी के संघर्ष में उनका प्रेम हवा में उड़ जाता है। रोज-रोज के झगड़े शुरू हो जाते हैं। एक दिन परेशान पति एक साधु के पास जाता है और कलह से मुक्ति का उपाय पूछता है। तब साधु कहता है अगर मैं इस समस्या का समाधान कर ही लेता तो फिर साधु क्यों बनता ? पत्नी का मतलब तो लोग शादी के पांच साल बाद समझते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने इस नाटक में सूत्राधार की भूमिका निभाई। पहले वे लड़का और लड़की को मिलाते हैं। फिर उन दोनों की नाराजगी को दूर कर के रिश्ते को बचाते हैं।
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नीतीश सरकार की तरफ से दिखाया गया नाटक
2016 में नीतीश कुमार, लालू यादव के समर्थन से बिहार में सरकार चला रहे थे। नीतीश और लालू की दोस्ती फिर परवान चढ़ रही थी। शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब से भाजपा के सांसद थे लेकिन पार्टी और प्रधानमंत्री से नाराज चल रहे थे। इस बीच बिहार सरकार के कला और संस्कृति विभाग ने शत्रुघ्न सिन्हा के नाटक - पति, पत्नी और मैं को दिखाने का फैसला किया। शत्रुघ्न सिन्हा ने सीएम आवास जा कर नीतीश कुमार को नाटक देखने के लिए आमंत्रित किया। पटना जिला प्रशासन और बिहार संगीत नाटक अकादमी ने मिल कर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में इस नाटक का आयोजन किया।
नीतीश और लालू ने साथ देखा था नाटक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू यादव और उनके बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव, तत्कालीन कला संस्कृति मंत्री शिवचंद्र राम समेत सरकार के कई पदाधिकारी यह नायक देखने के लिए पहुंचे। सूत्रधार के रूप में शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने चुटिले संवादों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। शत्रुघ्न सिन्हा ने 2001 में भी तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू प्रसाद को ये नाटक दिखाया था। यह नाटक हास्य से भरपूर लोगों को गुदगुदाने वाल है। राजनीति से इसका कोई सरोकार न था। लेकिन नीतीश कुमार, लालू यादव और शत्रुघ्न सिन्हा की एक जगह मौजूदगी से सियासी मतलब निकाला जाने लगा था। कहा जाता है तभी से शत्रुघ्न सिन्हा महागठबंधन में अपने लिए संभावनाएं तलाशने लगे थे। आखिरकार उनकी मंशा पूरी हुई। वे 2019 का लोकसभा चुनाव लालू के सहयोग से कांग्रेस के टिकट पर पटना से लड़ रहे हैं।
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