BSP छोड़ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े नसीमुद्दीन सिद्दीकी का क्या हुआ
कभी BSP सुप्रीमो मायावती के खासमखास नेताओं में गिने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी इस बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद नरेंद्र मोदी अब 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें हासिल कर अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा पार किया है। वहीं, एनडीए ने 353 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि मोदी लहर के बावजूद भाजपा के कुछ दिग्गज नेता ऐसे भी रहे, जिन्हें इन चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा। केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, हरदीप सिंह पुरी और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को इस चुनाव में शिकस्त मिली है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी इस बार चुनाव मैदान में उतरे थे। कांग्रेस ने उन्हें बिजनौर सीट से टिकट दिया था।
नसीमदुद्दीन सिद्दीकी की हुई जमानत जब्त
कभी मायावती के खासमखास नेताओं में गिने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लोकसभा चुनाव से पहले बसपा का साथ छोड़ दिया था। बीएसपी छोड़कर सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी ने उन्हें यूपी की बिजनौर लोकसभा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। बीते गुरुवार को घोषित हुए चुनाव नतीजों में नसीमदुद्दीन सिद्दीकी तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें महज 25699 वोट ही मिल पाए। इस सीट पर नसीमदुद्दीन सिद्दीकी की जमानत जब्त हो गई। बिजनौर में बसपा प्रत्याशी मलूक नागर ने भाजपा के उम्मीदवार राजा भारतेंद्र सिंह को 71763 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की। मलूक नागर को 559824 और राजा भारतेंद्र सिंह को 488061 वोट मिले। इससे पहले भारतेंद्र सिंह इसी सीट से 2014 का लोकसभा चुनाव जीते थे।
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मायावती को लेकर की थी भविष्यवाणी
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा था, '23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती महागठबंधन का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी से जाकर मिल जाएंगी। मायावती इससे पहले भी भाजपा के समर्थन से यूपी में सरकार बना चुकी हैं। चुनाव नतीजों के बाद मायावती के ऊपर इस तरह का दबाव बनाया जाएगा कि वो भाजपा से जाकर मिल जाएंगी। महागठबंधन में शामिल सपा मुखिया अखिलेश यादव या आरएलडी के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने कभी भी खुलकर यह नहीं कहा है कि प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर वो मायावती का समर्थन करते हैं। अखिलेश यादव ने केवल इतना भर कहा है कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से होगा, तो ऐसे में मायावती के प्रधानमंत्री बनने का सवाल ही नहीं उठता।'
2019 में क्या रहा कांग्रेस का हाल
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सि्ददीकी की गिनती कभी मायावती के खासमखास और बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। यूपी की मायावती सरकार में वो मंत्री भी रहे थे। यूपी के विधानसभा चुनावों के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया। वहीं, नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मायावती पर टिकट के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया। इसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हो गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। देश के 17 राज्यों में उसका खाता भी नहीं खुला है। वहीं, कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए हैं। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में शीला दीक्षित, उत्तराखंड में हरीश रावत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है।
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