तेजप्रताप के तूफान से थर्राया राजद, बोले- साफ होंगे RJD के कीटाणु!
पटना। राजद में जो 'तेज' बवंडर उठा था अब वह तूफान की शक्ल अख्तियार कर चुका है। 'तेज' तूफान से कितनी तबाही होगी, फिलहाल बताना मुश्किल है। पार्टी के कई बरगद जड़ से हिल चुके हैं। तूफान शांत न हुआ तो ये गिर भी सकते हैं। अब तेज प्रताप यादव ताल ठोक कर अपनी बात कह रहे हैं। उन्होंने राजद के वरिष्ठ नेताओं शिवानंद तिवारी, रामचंद्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी पर सीधे-सीधे हमला बोल दिया है। उनका कहना है कि पार्टी में कई कीटाणु और बैक्टेरिया पनप गये हैं। इनकी सफाई का मैंने बीड़ा उठाया है। तेज प्रताप जान बूझ कर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा मेरा सख्त रुख देख कर विरोधियों के तन-बदन में आग लग गयी है। मीडिया में अपनी बात रख कर मैं ऐसे लोगों को चेतावनी दे रहा हूं। उन्होंने कहा, मैं लालू का अंश हूं, राह में रोड़ अटकाने वालों को छोड़ूंगा नहीं।
शिवानंद तिवारी पर खुल्लमखुल्ला हमला
लालू यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने सोमवार को गजब ढा दिया। जो आज तक नहीं हुआ, वो सब हुआ। तेज प्रताप ने वरिष्ठ नेताओं को पानी- पानी कर दिया। अपनी अनदेखी से नाराज उन्होंने कहा कि पार्टी में गलत हो रहा है। लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। शिवानंद तिवारी, रामचंद्र पूर्वे, अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे कई लोग बड़े पद पर बैठे हैं। वे मेरे पिता के सहयोगी रहे हैं। फिर भी कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसे लोग अपने पद का सम्मान भी भूल गये हैं। शिवानंद तिवारी को सब लोग जानते हैं। वे बाबा हैं। तेजस्वी के साथ हेलीकॉप्टर में घूम रहे हैं। ये वही शिवानंद तिवारी हैं जिन्होंने चारा घोटला में मेरे पिता को जेल भेजवाया था। केस करने वालों में ये भी शामिल थे। जब मेरे पिता जेल जा रहे थे तब ये बचाने क्यों नहीं आये। पटना में इनका बहुत बड़ा सैलून है। बहुत प्रोपर्टी बनायी है। जेपी आंदोलन में मेरे पिता और शिवानंद तिवारी स्टार थे। फिर आज वे क्यों नहीं पार्टी में गड़बड़ी को ठीक कर रहे।
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शिवानंद पर क्यों बरसे तेज?
जब तेज प्रताप ने अपनी पसंद के दो प्रत्याशियों की एकतरफा घोषणा कर दी तो राजद नेतृत्व की किरकिरी होने लगी। चुनावी फिजां में पार्टी की हैसियत पर सवाल उठने लगे। तब शिवानंद तिवारी ने लालू यादव और राबड़ी देवी को संदेश दिया कि इससे देश भर में पार्टी की जगहंसाई हो रही है। अगर तत्काल कुछ नहीं किया गया तो चुनाव में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसके बाद राबड़ी देवी ने तेज प्रताप को कई फोन किये। लेकिन तेज अपनी बात पर अड़े रहे। छपरा, जहानाबाद, शिवहर सीट के लिए वे अपनी मांग दुहराते रहे। उन्हें लगा कि शिवानंद तिवारी, बात को बनाने की बजाय बिगाड़ रहे हैं। इस बात से खफा तेज ने 76 साल के शिवानंद की फजीहत कर दी।
पूर्वे पर प्रहार
तेज प्रताप ने कहा कि जब मैं राजनीतिक रूप से आगे बढ़ने लगा तो राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्रे पूर्वे के पेट में दर्द होने लगा। उन्हें तो कहना चाहिए था कि बेटा तुम आगे बढ़ो। लेकिन वह तेजस्वी को उल्टा सीधा समझाने लगे। उन्होंने तेजस्वी को बरगलाया। लालू- राबड़ी और तेजस्वी के इर्द गिर्द गलत लोग जमा हो गये हैं। मैं तो जनता के लिए काम कर रहा था लेकिन मुझे डिमोरलाइज करने की कोशिश शुरू हो गयी। ऐसे लोग मेरा पत्ता साफ करना चाहते हैं। लेकन उन्हें याद रखना चाहिए कि मैं लालू का अंश हूं, ऐसे लोगों को छोड़ूंगा नहीं। ये मेरी चुनौती है। अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि बड़े लोग अपने फर्ज को अंजाम नहीं दे रहे। इसी से पार्टी में मुश्किलें पैदा हो रही हैं।
पूर्वे से पुरानी खुन्नस
तेज प्रताप यादव महुआ से विधायक हैं। पिछले कुछ समय से उनकी राजनीतिक सक्रियता बढ़ गयी है। इस सिलसिले में वे पार्टी के दफ्तर में जनता दरबार भी लगाते थे। इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर जब वे पार्टी दफ्तर गये तो उन्होंने देखा कि गेट पर ताला बंद है। तेज ने जब दरवान से पूछा कि ताला क्यों बंद है, तो उसने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के आदेश पर ताला बंद किया गया है। चाबी भी उनके पास है। ये जान कर तेज प्रताप हत्थे से उखड़ गये। उन्हें लगा कि उनके जनता दरबार कार्यक्रम को फेल करने के लिए ये सब किया गया है। फिर वे पूर्वे पर बरस गये। उन्होंने पूर्वे से कहा कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जब सब जगह झंडोत्तोलन हो रहा है तो राजद का दफ्तर बंद क्यों है। पूर्वे को औकात में रहने की चेतावनी दी और फौरन चाबी भेजने को कहा। दफ्तर खुला। तेज का कार्यक्रम हुआ। लेकिन उसी समय से तेज और पूर्वे में छत्तीस का रिश्ता बन गया।
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