सपा ने जारी की एक और सूची, गोरखपुर में अखिलेश ने चला बड़ा दांव
अखिलेश यादव ने सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर बड़ा दांव चला है।
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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपने लोकसभा उम्मीदवारों की एक और सूची जारी कर दी है। शनिवार को जारी सूची के मुताबिक अखिलेश यादव ने कानपुर लोकसभा सीट से राम कुमार और गोरखपुर से रामभुआल निषाद को अपनी पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया है। अखिलेश यादव ने गोरखपुर में अपनी पार्टी के मौजूदा सांसद प्रवीण निषाद का टिकट काट दिया है। इससे पहले शुक्रवार को ही निषाद पार्टी ने महागठबंधन से अलग होते हुए ऐलान किया कि अब वो किसी भी विकल्प या फैसले पर विचार करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
गोरखपुर सीट पर निषाद वोटों का प्रभाव
आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को सपा के टिकट पर गोरखपुर के चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने सपा का समर्थन करते हुए अपनी ओर से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद ने भाजपा के उम्मीदवार उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21881 वोटों के अंतर से हराया था। यह सीट योगी आदित्यानाथ के यूपी का सीएम बनने के बाद उनके इस्तीफा देने से खाली हुई थी। गोरखपुर में निषाद समाज का काफी प्रभाव माना जाता है।
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शुक्रवार को महागठबंधन से अलग हुई निषाद पार्टी
इससे पहले बीते मंगलवार को ही अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि अब निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) भी महागठबंधन के साथ जुड़ गए हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि गठबंधन में इन दो दलों के साथ जुड़ने से गोरखपुर लोकसभा सीट पर आने वाले चुनाव में असर दिखेगा। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के ऊपर समाजवादी पार्टी का ये गठबंधन भारी पड़ेगा। हालांकि शुक्रवार को निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने समाजवादी पार्टी पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया।
समझौते में नहीं बनी बात
गौरतलब है कि यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी के बीच हुए सीटों के समझौते के तहत बहुजन समाज पार्टी को 38, समाजवादी पार्टी को 37 और राष्ट्रीय लोकदल को 3 सीटें दी गई हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसी चर्चा थी कि निषाद पार्टी गोरखपुर के अलावा एक और लोकसभा सीट की मांग समाजवादी पार्टी से कर रही थी। निषाद पार्टी चाहती थी कि अखिलेश यादव अपने कोटे से दो सीटें- महराजगंज और गोरखपुर उनकी पार्टी को दें। इनमें प्रवीण निषाद के लिए महराजगंज सीट की मांग भी शामिल थी।