लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की कितनी है संपत्ति
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल सीट से अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। इस दौरान उन्होंने जो हलफनामा दिया है उसके मुताबिक, उनके पास कुल 4 लाख 44 हजार रुपये की संपत्ति है। इसमें एक चांदी के लेप वाली राम नाम की ईंट भी शामिल है। हलफनामे में साध्वी प्रज्ञा ने बताया है कि उनके पास कोई अचल संपत्ति नहीं है। न कोई वाहन है और ना ही किसी कंपनी में कोई शेयर है।
साध्वी प्रज्ञा की कुल संपत्ति है 4 लाख 44 हजार
भोपाल लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करते समय दिए हलफनामे में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बताया किउनके पास करीब 2.54 लाख रुपये के आभूषण और कीमती धातुओं से बनी वस्तुएं हैं। इसमें कई चांदी के बर्तन, साथ ही चांदी और सोने के आभूषण भी शामिल हैं। उन्होंने कुल 4 लाख 44 हजार रुपये से अधिक की चल संपत्ति घोषित की है। चांदी के लेप वाली राम नाम की ईंट का जिक्र उन्होंने हलफनामे में किया है, जिसका वजन 150 ग्राम है।
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2008 मालेगांव ब्लास्ट में हैं आरोपी, हलफनामे में किया जिक्र
हलफनामे के अनुसार, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के पास करीब 90,000 रुपये नकद हैं। इसके अलावा उन्होंने 88,824 रुपये और 11,000 रुपये के दो बचत खातों का भी उल्लेख किया है। उन्होंने किसी भी निवेश या फिर ऋण का उल्लेख नहीं किया है। हलफनामे के अनुसार, साध्वी प्रज्ञा अपने आय के स्त्रोतों के लिए भिक्षा और समाज पर निर्भर हैं। 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले में वो आरोपी हैं और फिलहाल जमानत पर हैं, इसका भी जिक्र उन्होंने हलफनामे में किया है।
भोपाल लोकसभा सीट पर दिग्विजय सिंह से है प्रज्ञा ठाकुर का मुकाबला
बता दें कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार है। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से है। बुधवार को ही स्पेशल एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोकने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। मालेगांव बम धमाकों की आरोपी होने और स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिलने के चलते याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव लड़ने से रोका जाए। हालांकि स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कहा कि उसके पास किसी को चुनाव लड़ने से नहीं रोकने का अधिकार नहीं है।