बिहार महागठबंधन में दिखी दरार, कांग्रेस में जा सकते हैं RJD के ये 3 पूर्व नेता
बिहार महागठबंधन में सीटों पर पेंच फंसने के बाद आरजेडी और कांग्रेस में तनाव की एक और खबर सामने आई है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर यूपी में अखिलेश यादव और मायावती के महागठबंधन के ऐलान के बाद अब सियासी निगाहें बिहार में बनने वाले महागठबंधन पर टिक गई हैं। हालांकि फिलहाल जिस तरह खबरें सामने आ रही हैं, उनसे गठन के पहले ही महागठबंधन में दरार पड़ती हुई नजर आ रही है। सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और आरजेडी के बीच पेंच फंसने की खबरों के बाद अब एक और मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। दरअसल राष्ट्रीय जनता दल के तीन पूर्व दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने की तैयारी में हैं, जिसे लेकर आरजेडी ने कांग्रेस आलाकमान से अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है।
कौन हैं वो 3 नेता
'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर पहले से चल रही रस्साकशी के बीच अब आरजेडी ने अपने पूर्व तीन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबरों को लेकर पार्टी के समक्ष नाराजगी जताई है। आरजेडी के एक नेता ने बताया कि उनकी पार्टी उन खबरों को लेकर नाराज है, जिनमें पप्पू यादव, लवली आनंद, और अनंत सिंह के कांग्रेस में शामिल होने और पार्टी की तरफ से उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव का टिकट जाने की बात चल रही है। आरजेडी नेता के मुताबिक, उनकी पार्टी ने कांग्रेस नेतृत्व के समझ इन दागी नेताओं को लेकर अपनी नाराजगी से अवगत करा दिया है।
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कांग्रेस को भारी पड़ सकती है RJD की नाराजगी
आपको बता दें कि आरजेडी ने इस मुद्दे पर ऐसे समय में अपनी नाराजगी जाहिर की है, जब महागठबंधन में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की तरफ से दोनों दलों को (आरजेडी और कांग्रेस) बराबर-बराबर सीटें दिए जाने की मांग उठ रही है। यूपी (80 लोकसभा सीट), महाराष्ट्र (48 लोकसभा सीट) और पश्चिम बंगाल (42 लोकसभा सीट) के बाद 40 लोकसभा सीटों वाला बिहार चौथा बड़ा राज्य है, जहां केंद्र की भाजपा सरकार को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष एकजुट होने की कोशिशों में लगा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बिहार की 40 में से 22 सीटों पर जीत हासिल कर केंद्र की सत्ता में वापसी की थी।
सीटों पर पहले से फंसा हुआ है पेंच
गौरतलब है कि हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल ही में सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस अब बिहार और उत्तर प्रदेश में खुद को फिर से मजबूत करने में जुटी हुई है। तीन राज्यों में जीत के बाद ही कांग्रेस महागठबंधन में आरजेडी के बराबर सीटें दिए जाने की मांग भी कर रही है। हालांकि यूपी में बने महागठबंधन में अखिलेश यादव और मायावती ने कांग्रेस को शामिल नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो बिहार में आरजेडी भी कांग्रेस की ज्यादा सीटों की मांग को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रही है।
अखिलेश-मायावती से मिले थे तेजस्वी
बिहार कांग्रेस के एक बड़े नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, 'आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की इसी महीने बसपा प्रमुख मायावती और सपा नेता अखिलेश यादव के साथ यूपी के लखनऊ में हुई मुलाकात को भी दोनों सहयोगी दलों के बीच बढ़ते तनाव के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने सपा-बसपा महागठबंधन को समर्थन देकर केवल यह संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस को बिहार में बहुत ज्यादा सीटों की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।' दोनों पार्टियों में तनाव सुलझाने के लिए ही सोमवार को बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सोमवार को तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी।
विवाद सुलझाने में जुटी कांग्रेस
मुलाकात के बाद शक्ति सिंह गोहिल ने आरजेडी के साथ तनाव की खबरों को खारिज करते हुए जोर देकर कहा, 'बिहार में कांग्रेस आरजेडी से सलाह लेने के बाद की तीनों नेताओं के बारे में फैसला लेगी। किसी भी गठबंधन में कुछ सिद्धांत होते हैं। हम अपने साथी के साथ चर्चा करेंगे और उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लेंगे। जब भी और जिस मुद्दे पर भी हमें फैसला लेना है, हम अपने सहयोगी के साथ परामर्श और समन्वय के बाद उचित समय पर उचित निर्णय लेंगे। महागठबंधन के सभी घटक दलों के बीच काफी अच्छी बातचीत है। गठबंधन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। हम गठबंधन में बिहार की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हमारा फोकस महागठबंधन को बिहार की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कराने पर है।'
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