यूपी में BJP का बड़ा दांव, राजनाथ सिंह को इस सीट से उतारने की तैयारी
यूपी में सपा-बसपा के महागठबंधन से निपटने के लिए भाजपा एक बड़ा दांव लगाने की तैयारी में है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि अगले 2-4 दिनों में भाजपा पहले चरण के चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर सकती है। वहीं, अपनी रणनीति के तहत भाजपा यूपी में कई मौजूदा सांसदों की सीटों में बदलाव भी कर सकती है। इसके अलावा खबर है कि संगठन और संघ की रिपोर्ट के आधार पर यूपी में करीब 25 फीसदी लोकसभा सांसदों के टिकट काटे जा सकते हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री और यूपी की लखनऊ लोकसभा सीट से सांसद राजनाथ सिंह की सीट बदले जाने को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से खबर है राजनाथ सिंह इस बार लखनऊ सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ सकते हैं राजनाथ
सूत्रों की मानें, तो लखनऊ सीट से लोकसभा सांसद राजनाथ सिंह को 2019 के लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं, गौतम बुद्ध नगर से वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से टिकट दिया जा सकता है। बताया जा रहा है कि यूपी में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का महागठबंधन बनने के बाद बदले हुए समीकरणों से निपटने और सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह फैसला लिया है।
ये भी पढ़ें- बदले यूपी के समीकरण, तो मायावती ने भी बदली अपनी सीट, सामने आई बड़ी खबर
क्या है सीट बदलने का कारण
भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व और स्थानीय आरएसएस इकाइयों के किए गए शुरुआती सर्वेक्षणों में पता चला है कि गौतम बुद्ध नगर की ग्रामीण आबादी में नाराजगी है। गौतम बुद्ध नगर की कुल आबादी में 40 फीसदी ग्रामीण आबादी है। आपको बता दें कि गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर शामिल हैं, तो साथ ही खुर्जा, सिकंद्राबाद, दादरी और जेवर विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने वाले ग्रामीण इलाके भी इसी लोकसभा के अंतर्गत आते हैं। राजनीतिक दलों के अनुमान के मुताबिक गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट के कुल 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख वोटर ग्रामीण इलाकों से आते हैं, जबकि सात लाख शहरी वोटर हैं।
राजनाथ को उतारने की वजह
राजनाथ सिंह को गौतम बुद्ध नगर से उतारने के पीछे एक वजह यह भी है कि यहां की आबादी में मुसलमान, गुर्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2017 के विधानसभा चुनावों में इसी जातीय समीकरण के आधार पर भारतीय जनता पार्टी ने गौतम बुद्ध नगर की पांचों विधानसभा सीटों पर जीत का परचम लहराया था। इस सीट पर जीते पांचों भाजपा विधायकों में से तीन- राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह राजपूत समाज से ही आते हैं। ऐसे में पार्टी का मानना है कि राजनाथ सिंह को गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से उतारकर भाजपा इस सीट पर फिर से जीत दर्ज कर सकती है।
भाजपा का मजबूत गढ़ है लखनऊ
आपको बता दें कि लखनऊ सीट भाजपा का मजबूत गढ़ मानी जाती है। राजनाथ सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में लखनऊ सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी को 272749 वोटों के भारी अंतर से हराया था। राजनाथ सिंह को इस सीट पर 561106 वोट मिले थे। लखनऊ सीट पर 1991 से भाजपा का कब्जा है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां से पांच बार सांसद चुने गए। वहीं, गौतम बुद्ध नगर सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के महेश शर्मा ने सपा उम्मीदवार नरेंद्र भाटी को 280212 वोटों के अंतर से हराया था। इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा बसपा उम्मीदवार सुरेंद्र सिंह नागर से महज 15904 वोटों से हार गए थे।
ये भी पढ़ें- यूपी की वो 17 सीटें, जहां भाजपा पर भारी पड़ सकता है SP-BSP-RLD का महागठबंधन