ना चुनाव-ना प्रचार, फिर भी सुर्खियों में राज ठाकरे, आखिर क्या है माजरा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के दौरान महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ( Raj Thackeray) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर जमकर हमला बोला है। राज ठाकरे के तेवर के देखते हुए भाजपा विरोधी दलों ने उनको महाराष्ट्र से बाहर चुनाव वाले दूसरे राज्यों में रैली करने के लिए आमंत्रित किया था, जिसपर मनसे की तरफ से बयान आया है।
चुनाव प्रचार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से निमंत्रण मिला- मनसे
एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने कहा, 'राज ठाकरे को चुनाव प्रचार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से निमंत्रण मिला है। हालांकि, उन्होंने महाराष्ट्र में ही रहने का फैसला किया है। उनका उद्देश्य महाराष्ट्र में लहर पैदा करना था और वे अपने प्रयासों में सफल रहे।' मनसे ने लोकसभा चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, लेकिन राज ठाकरे ने सीधे तौर पर कांग्रेस, राकांपा और उनके सहयोगियों के लिए तो नहीं, फिर भी महाराष्ट्र में 10 चुनावी रैलियों को संबोधित किया है और इस दौरान बीजेपी-शिवसेना पर जमकर हमला बोला है।
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राज ठाकरे को कई दलों ने दिया था रैली करने का ऑफर
महाराष्ट्र में रैलियों के दौरान अपने दावे को पुख्ता करने के लिए हार्ड-हिटिंग शैली के साथ उन्होंने वीडियो का इस्तेमाल किया। इसके बाद से ही राज ठाकरे ने काफी सुर्खियां बटोरी हैं और उनको कांग्रेस, जनता दल (सेकुलर), हरियाणा विकास पार्टी के अलावा दिल्ली, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटक के कुछ सामुदायिक संगठनों से भी रैलियों का निमंत्रण मिला है।
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एनएमएस ने दूसरे राज्यों में रैली करने का ठुकराया प्रस्ताव
एमएनएस के एक अन्य नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि राज ठाकरे मराठी में बहुत प्रभावशाली वक्ता हैं। मराठी में उनके भाषण सहज हैं और प्रभावशाली हैं। हालांकि, जब हिंदी की बात आती है, तो उनकी कुछ सीमाएं हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ठाकरे ने इस चुनाव के दौरान भाजपा और शिवसेना की छवि को नुकसान पहुंचाया है, उन्होंने कहा कि बीजेपी ठाकरे के इस हमले के लिए तैयार नहीं थी।