चुनाव यात्रा: राहुल के रोड शो में "न्याय" के नीले झंडे, निशाने पर बसपा
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी का पुराना नारा है- नीला झंडा लेकर हम नील गगन तक जाएंगे. नीला झंडा उत्तर भारत की राजनीति में बहुजन समाज पार्टी का पहचान रहा है, हालांकि अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के रोड शो में लहराए गए न्यूनतम आय योजना के नीले झंडे देखने के बाद ये कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस अपनी महात्वाकांक्षी न्याय योजना के जरिए बसपा के पारंपरिक वोटरों को टारगेट करने का प्रयास कर रही है।
राहुल गांधी का रोड शो
बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया. नमांकन से पहले उन्होंने जिला मुख्यालय गौरीगंज में खुले ट्रक में रोड शो किया. रोड शो में राहुल के साथ प्रियंका गांधी, उनके पति राबर्ट वाड्रा, बेटे-बेटी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए कांग्रेस के प्रचार सिंधिया, स्थानीय नेता संजय सिंह मौजूद थे. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी रोड शो में शामिल थीं, हालांकि वो पीछे एक कार में चल रही थीं।
राहुल के रोड शो में नीले झंडों ने खींचा ध्यान
राहुल के रोड शो में न्यूनतम आय योजना के प्रचार के लिए तैयार नीले झंडे और टीशर्ट ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. टीशर्ट यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने पहन रखी थी. झंडे और टीशर्ट पर बड़े-बड़े फॉन्ट में 72000 और 6000 लिखा हुआ था. ये टीशर्ट नमो मर्चेंडाइज की चिर-परिचित 'नमो अगेन' टीशर्ट की स्टाइल में ही तैयार की गई थीं. कांग्रेस प्रवक्ता मोहम्मद सऊद ने बताया कि ये टीशर्ट और झंडे दिल्ली से भेजे गए हैं और प्रचार का ये आइडिया यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई का है. हालांकि नीले झंडे और टीशर्ट के बाद ये कयास लगने शुरु हो गए कि कांग्रेस ने झंडे का ये रंगे दलित वोटरों को लुभाने और बसपा की पहचान छीनने की लिए चुना है. उल्लेखनीय है कि दलित 80 के दशक तकउत्तर प्रदेश में कांग्रेस का पारंपरिक वोटर रहा है, हालांकि बसपा के उभार के बाद ये खुद को कांशीराम और मायावती से जोड़कर देखने लगा।
Lok Sabha Elections 2019 पहले चरण के मतदान की लाइव अपडेट
दलितों में पैठ बनाने की कोशिश
प्रियंका गांधी के राजनीति में औपचारिक रूप से आने के बाद कांग्रेस दलित मतदाताओं के बीच अपनी खोई जमीन पाने की कोशिश दोबारा कर रही है. प्रियंका गांधी बीते दिनों में उत्तर प्रदेश में दलितों के नए आइकॉन चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात भी कर चुकी हैं. राहुल गांधी के करीबी और जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप सिंह कई बार चंद्रशेखर के कार्यक्रमों में भी देखे गए हैं. ऐसे में नीले रंग पर कांग्रेस की नए सिरे से दावेदारी उसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है. उल्लेखनीय है कि बसपा और सपा ने अमेठी और रायबरेली में अपने उम्मीदवार नहीं उतारा है।