देश की सबसे अमीर पार्टी NAMO के जरिये आप से मांग रही है पांच रुपए का चढ़ावा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर देश की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने अपने घोड़े दौड़ाने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी और कांग्रेस हर स्तर पर इन चुनावों को लेकर रणनीति तैयार कर रही हैं। इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए जहां कार्यकर्ताओं की फौज चाहिए तो वहीं बड़े पैमाने पर पैसों की भी जरूरत होगी। पैसे केवल चुनाव लड़ने के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं हैं बल्कि इसके जरिए पार्टियां अपने मतदाताओं तक भी पहुंच बनाती हैं। जनता से चंदा लेकर चुनाव लड़ने का चलन पुराना है। पार्टियों के कार्यकर्ता लोगों तक जाकर उनसे चंदा इकट्ठा करते हैं और अपनी बात भी उन तक पहुंचाते हैं। राजनीति में पर्सन टू पर्सन संपर्क बहुत अहम होता है और आज के दौर में टेक्नोलॉजी के जरिए भी संपर्क उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों का देश भर में आधार है और दोनों ही अब जनता से वोट और नोट इकट्ठा करने की रणनीति पर काम कर रही हैं। जहां कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं के जरिए 500 करोड़ का चंदा इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है तो वहीं बीजेपी ने भी फिलहाल नमो ऐप के जरिए आम जनता से चंदा लेने का प्लान बनाया है।
पीएम मोदी ने आम जनता से 2019 के लोकसभा चुनाव के खर्च के लिए चंदा मांगने की शुरुआत कर दी है। इसका मकसद ना सिर्फ चंदा लेना है बल्कि इसके जरिए पार्टी सभी वर्गों तक अपनी पहुंच बनाना चाहती है।
नमो एप के जरिए चंदा
मिशन
2019
को
सफल
बनाने
के
लिए
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
आम
जनता
से
सहयोग
मांगना
शुरू
कर
दिया
है।
इसके
लिए
पीएम
मोदी
ने
नमो
एप
के
जरिए
आम
जनता
से
चुनावी
चंदा
लेने
की
शुरुआत
कर
दी
है।
नरेंद्र
मोदी
के
ऑफिशियल
नमो
एप
पर
माइक्रो
डोनेशन
की
सुविधा
शुरू
की
गई
है।
नमो
एप
की
इस
नई
सुविधा
के
साथ
कोई
भी
व्यक्ति
5
रुपए
से
लेकर
1000
रुपए
तक
का
चंदा
भारतीय
जनता
पार्टी
को
दे
सकता
है।
पीएम
मोदी
का
ऑफिशियल
नमो
एप
एंड्रॉयड
और
आईओएस
दोनों
प्लेटफॉर्म
पर
उपलब्ध
है।
इसके
अलावा
बीजेपी
की
वेबसाइट
के
जरिए
भी
कोई
भी
पार्टी
को
चंदा
दे
सकता
है।
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वाले
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रक्षा
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सच!
गरीबों की पार्टी होने की बने छवि
प्रधानमंत्री अपनी चुनावी तैयारी में सोशल मीडिया को प्राथमिकता देते रहे हैं और 2019 के चुनावों के लिए वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ने और पार्टी को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है बहुत से लोग पार्टी को योगदान देना चाहते हैं इसलिए ये माइक्रो डोनेशन सुविधा शुरू की गई है। ये लोगों को जोड़ने का एक अनुकूल तरीका है और ये हमें लोगों तक पहुंचने में भी मदद करता है। इस तरह के छोटे चंदे को लेने के पीछे पार्टी का मकसद व्यापक वर्ग तक पहुंच बनाने का है। इससे पार्टी को गरीबों की पार्टी होने की छवि को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। पिछले कुछ सालों से पार्टी राहुल गांधी द्वारा दिए 'सूट बूट की सरकार' के टैग से छुटकारा पाने की लगातार कोशिश कर रही है।
नए वोटरों तक बनेगी पहुंच
पार्टी
की
माइक्रो
डोनेशन
की
इस
रणनीति
से
उसे
नए
मतदाता
तक
पहुंच
बनाने
में
भी
मदद
मिलेगी।
पार्टी
पिछड़ों
और
दलितों
में
अपनी
बैठ
बढ़ाने
की
कोशिश
कर
रही
है
और
ये
उसमें
उसकी
मदद
करेगा।
पार्टी
इन
वर्गों
तक
पहुंच
बनाने
के
लिए
लगातार
कई
तरह
के
कदम
भी
उठा
रही
है।
अब
पार्टी
कार्यकर्ता
इन
लोगों
तक
पार्टी
के
कार्यक्रम,
नीति
और
सरकार
द्वारा
उनके
लिए
किए
गए
कामों
को
लेकर
जाएंगे।
इसके
बाद
अगर
वो
उनसे
पांच
रुपये
का
भी
चंदा
पार्टी
को
दिलवाते
हैं
तो
एक
तरह
से
चंदा
देने
वाला
भी
पार्टी
से
खुद
को
जुड़ा
हुआ
महसूस
करेगा।
बता
दें
कि
पिछले
साल
बनाए
गए
नियम
के
अनुसार
अगर
कोई
शख्स
किसी
राजनीतिक
दल
को
2000
रुपए
से
ज्यदा
का
चंदा
देता
है
तो
पार्टी
को
उसका
नाम
उजागर
करना
होगा।
पहले
ये
सीमा
20
हजार
रुपए
तक
थी।
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