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Lok Sabha Election results 2019: जहां-जहां राहुल और प्रियंका ने की रैलियां, उधर ज्यादातर में हुआ कबाड़ा

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नई दिल्‍ली। मेगा चुनावों के मेगा रिजल्‍ट्स आने शुरू हो गए हैं और एक बार फिर से नजर आ रहा है कि मोदी लहर ने देश पर कब्‍जा कर लिया है। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस को इन चुनावों से बहुत उम्‍मीदें थीं ले‍किन एक बार फिर उसके लिए यह चुनाव निराशा ही लेकर आए हैं। पार्टी ने उत्‍तर प्रदेश में तो अपने खराब प्रदर्शन को दोहराया ही है साथ ही साथ उन तीन राज्‍यों में भी खराब प्रदर्शन किया है, जहां विधानसभा चुनावों के बाद उसे सत्‍ता हासिल हुई थी। पार्टी सिर्फ पंजाब में ही अच्‍छा प्रदर्शन कर रही है।

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प्रियंका को सौंपी गई थी बड़ी जिम्‍मेदारी

प्रियंका को सौंपी गई थी बड़ी जिम्‍मेदारी

प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनाव शुरू होने से पहले पार्टी ने बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी थी। उन्‍हें पूर्वांचल को इन चुनावों से पहले पार्टी ने उन्‍हें ईस्‍टर्न यूपी कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी नियुक्‍त किया था। पार्टी को उम्‍मीद थी कि इस बार प्रियंका का मैजिक चलेगा और पार्टी को राज्‍य में बड़ा फायदा होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बल्कि जहां-जहां प्रियंका ने रैलियां कीं, वहां-वहां कांग्रेस को नुकसान हुआ। आंकड़ों के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह की रैलियों की तुलना प्रियंका और राहुल गांधी की रैलियों से की जाए तो साफ पता लग जाता है कि प्रियंका का जादू नहीं चला। भीड़ तो रैलियों में उमड़ी लेकिन वह भीड़ वोट में नहीं बदल सकी।

मोदी-शाह के मुकाबले कमजोर साबित प्रियंका

मोदी-शाह के मुकाबले कमजोर साबित प्रियंका

पीएम मोदी ने कुल 145 रैलियां की और इन रैली वाली जगहों से 90 सीटों पर बीजेपी को बढ़त हुई है। वहीं 1378 सीटों के लिए अमित शाह ने चुनाव प्रचार किया और 83 सीटों पर बीजेपी को फायदा हुआ है। अगर प्रतिशत निकाले तो मोदी और शाह की जोड़ी रैलियों में आई भीड़ को वोटों में बदलने में कामयाब रही। पार्टी का स्‍ट्राइक रेट करीब 57 प्रतिशत रहा। अगर प्रियंका गांधी की बात करें तो उन्‍होंने जिन 37 जगहों पर रैलियां की वहां से सिर्फ आठ सीटें निकालने में ही कांग्रेस कामयाब रही।

राहुल भी जनता को आकर्षित नहीं कर पाए

राहुल भी जनता को आकर्षित नहीं कर पाए

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने 115 रैलियां पूरे चुनावी अभियान में कीं और सिर्फ 28 सीटें ही पार्टी को मिल सकीं। राहुल और प्रियंका की जोड़ी का स्‍ट्राइक रेट मोदी-शाह की जोड़ी की तुलना में 21 प्रतिशत ही रह सका। कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवालिया निशाना लगाता है तो वहीं अब उनकी बहन प्रियंका गांधी के करियर पर भी सवाल लगने लगे हैं। जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं उनसे साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर से सत्‍ता में वापसी को तैयार हैं।

विधानसभा चुनावों से मिली उम्‍मीद, निराशा में बदली

विधानसभा चुनावों से मिली उम्‍मीद, निराशा में बदली

कांग्रेस पार्टी ने दिसंबर माह में मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ इन राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनावों में विशाल जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में मिली जीत ने पार्टी में जान फूंकने का काम किया था। पार्टी को लोकसभा चुनावों से बहुत उम्‍मीदें थीं। राहुल गांधी अपनी अमेठी सीट पर जीत के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं पार्टी के लिए भी नतीजे अच्‍छे नहीं हैं। रूझानों में पार्टी को 90 से ज्‍यादा सीटें ही मिलती नजर आ रही हैं।

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English summary
Lok Sabha Elections 2019: People has rejected duo of Rahul and Priyanka in this elections as Prime Minister Narendra Modi again set to rule the nation.
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