कांग्रेस में संकट! राज बब्बर के बाद एक और दिग्गज नेता ने दिया इस्तीफा
राज बब्बर के इस्तीफे के बाद अब एक और दिग्गज कांग्रेस नेता ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत ने विपक्ष की सभी रणनीतियों को धराशाई कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा एक बार फिर लोगों के सिर चढ़कर बोला है। गुरुवार को घोषित हुए चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी को छप्पर फाड़कर सीटें मिली। खबर है कि नरेंद्र मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त ने कांग्रेस पार्टी में हलचल मचा दी है। 17 राज्यों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है। इस हार के बाद, यूपी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के राहुल गांधी को इस्तीफा भेजे जाने के बाद अब एक और दिग्गज कांग्रेस नेता ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
राज बब्बर के बाद दूसरा इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। यूपी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के बाद अब कर्नाटक में कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एच के पाटिल ने राहुल गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। अपने पद से इस्तीफा देते हुए एचके पाटिल ने कहा, 'यह वक्त हम सभी के लिए आत्मनिरीक्षण करने का है। मुझे लगता है कि जिम्मेदारी निभाना मेरा नैतिक कर्तव्य है, इसलिए मैं पार्टी में अपने पद से इस्तीफा सौंपता हूं।' आपको बता दें कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने 28 में से 25 सीटों पर जीत का परचम लहराया है, जबकि एक सीट पर उसने निर्दलीय उम्मीदवार सुमालता अंबरीश का समर्थन किया था। कांग्रेस और जेडीएस को 1-1 सीट मिली है।
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी की शुभकामनाओं का मोदी ने दिया ये जवाब
491905 वोटों से हारे राज बब्बर
इससे पहले यूपी में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने अपने इस्तीफे की पेशकश की। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है। राज बब्बर ने कहा है कि यूपी के परिणाम कांग्रेस के लिए काफी निराशाजनक हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस हार की नैतिक तौर पर जिम्मेदारी लेता हूं। गौरतलब है कि राज बब्बर भी यूपी की फतेहपुर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। राज बब्बर को भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने 491905 वोटों के भारी अंतर से हराया है। दरअसल, यूपी में कांग्रेस केवल एक सीट रायबरेली पर ही जीत हासिल कर पाई है, जहां से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव लड़ीं।
'लोकतंत्र में जनता ही मालिक'
वहीं, गुरुवार शाम को खबर आई थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। हालांकि बाद में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश नहीं की है। यह खबर पूरी तरह बेबुनियाद है। इससे पहले राहुल ने चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता ही मालिक है। उन्होंने कहा कि वो अपनी हार स्वीकार करते हैं और कांग्रेस की विचारधारा की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
अमेठी में 54731 वोटों से हारे राहुल
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खुद भी यूपी की अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस परिवार का गढ़ मानी जाती रही है। अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को शिकस्त देते हुए 54731 वोटों से जीत हासिल की है। स्मृति ईरानी को 467598 और राहुल गांधी को 412867 वोट मिले हैं। हालांकि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीते हैं। वायनाड में राहुल गांधी को 431063 वोटों से जीत मिली है।
17 राज्यों में नहीं खुला कांग्रेस का खाता
गौरतलब है कि इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का 17 राज्यों में खाता भी नहीं खुला है। वहीं, कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए हैं। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में शीला दीक्षित, उत्तराखंड में हरीश रावत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। हार के बाद कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
ये भी पढ़ें- हार का असर! कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने राहुल गांधी को भेजा अपना इस्तीफा