ओमप्रकाश राजभर बोले, महीने भर पहले ही दे दिया था इस्तीफा, बताई वजह
नई दिल्ली। लंबे समय से नाराज चल रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी कैबिनेट के मंत्री ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। योगी सरकार में वे पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। बता दें कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में उन्होंने अपनी पार्टी के लिए अधिक सीटों की मांग की थी लेकिन बीजेपी आलाकमान इसपर सहमत नहीं हुआ था। राजभर काफी समय से बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे।
राजभर ने बताया इस्तीफे के पीछे कारण
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ओम प्रकाश राजभर ने कहा, 'मैंने पिछले महीने 13 तारीख को ही राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जब उन्होंने (भाजपा) कहा कि आप हमारे सिंबल पर चुनाव लड़ें।' राजभर ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि हम अपने सिंबल पर लड़ेंगे और हम 1 सीट पर लड़ेंगे। लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं थे। उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। मैंने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है।'
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राजभर ने 39 सीटों पर उतारे हैं अपने उम्मीदवार
दरअसल, लोकसभा चुनाव के पहले से ही राजभर बीजेपी पर अधिक गठबंधन में अधिक सीटें देने का दबाव बना रहे थे लेकिन बीजेपी आलाकमान ने इनकी बात नहीं मानी। पार्टी इनको घोसी की सीट ऑफर कर रही थी लेकिन राजभर की मानें तो बीजेपी अपने सिंबल पर उनको चुनाव लड़ाना चाहती थी जो सुभासपा अध्यक्ष को मंजूर नहीं था। बीजेपी से बात नहीं बनने के बाद राजभर ने अपनी पार्टी के 39 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए थे। राजभर ने लखनऊ से राजनाथ सिंह के खिलाफ और वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ उम्मीदवार भी उतार दिए थे। इसके अलावा राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के खिलाफ भी उम्मीदवार उतारे थे।
ओम प्रकाश राजभर की बीजेपी से नहीं बनी बात
इसके पहले भी ओम प्रकाश राजभर ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी का विलय करने के लिए जेपी नड्डा और सीएम योगी ने दबाव बनाया था कि घोसी से बीजेपी के सिम्बल पर चुनाव लड़ूं, लेकिन मैंने कहा कान खोलकर सुन लो, सीएम हो तो भाजपा की कृपा से और मैं मंत्री हूं अपने समाज की कृपा से, तुम्हारी कृपा से नहीं।
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