EVM पर शरद पवार का चौंकाने वाला दावा, कहा- 'ये सब होते हुए मैंने अपनी आंखों से देखा'
लोकसभा चुनाव में ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों के बीच शरद पवार ने एक बड़ा और चौंकाने वाला दावा किया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर चल रही सियासी सरगर्मियों के बीच ईवीएम को लेकर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। ईवीएम और वीवीपैट के मुद्दे को लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुका है। अब इन्हीं सवालों के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर एक बड़ा दावा किया है। शरद पवार ने दावा किया है कि उन्होंने एक प्रेजेंटेशन के दौरान खुद देखा कि एनसीपी को डाला गया उनका वोट भाजपा के खाते में गया। हालांकि शरद पवार ने कहा कि वो ये दावा नहीं करते हैं कि सभी ईवीएम में इसी तरीके से काम करती हैं। शरद पवार के इस दावे को लेकर एक बार फिर ईवीएम के मुद्दे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
'मैंने घड़ी का बटन दबाया, कमल को वोट गया'
मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा, 'ईवीएम को लेकर मैंने भी अपनी चिंता जाहिर की थी। हैदराबाद और गुजरात में एक प्रेजेंटेशन के दौरान कुछ लोगों ने मेरे सामने ईवीएम को रखा और मुझसे कोई एक बटन दबाने को कहा। मैंने ईवीएम में घड़ी (एनसीपी का चुनाव चिन्ह) के सामने का बटन दबाया लेकिन वो वोट कमल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) के खाते में गया। मैंने यह सब खुद अपनी आंखों के सामने होते हुए देखा।' आपको बता दें शरद पवार समेत कई विपक्षी दल ईवीएम को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। इन दलों का दावा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है और सत्ताधारी दल इसके जरिए चुनाव में हेरा-फेरी कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट भी जा चुुके हैं 21 विपक्षी दल
गौरतलब है कि इससे पहले हाल ही में एनसीपी समेत 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर न्यायालय के 8 अप्रैल के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। इन दलों की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने संबंधी निर्देश जारी करे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने विपक्षी दलों की इस मांग को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले प्रत्येक विधानसभा के पांच बूथों की ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट में यह पुनर्विचार याचिका आंध्र प्रदेश के सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू, एनसीपी नेता शरद पवार, एनसी नेता फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव (सपा) सहित 21 राजनीतिक दलों ने दायर की थी।
'कोर्ट इस मामले को बार-बार क्यों सुने'
इस मामले में विपक्षी दलों की याचिका खारिज करते हुए सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट इस मामले को बार-बार क्यों सुने। सीजेआई ने कहा कि वह इस मामले में दखल देना नहीं चाहते हैं। दरअसल, विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी अन्य दल को चला जाता है। दरअसल, पांच चरणों के मतदान के दौरान कई बूथों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें भी आई हैं और कई जगह ऐसे आरोप लगे हैं कि ईवीएम का बटन दबाने पर किसी अन्य पार्टी को वोट चला जाता है। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा था कि जहां ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं, वहां पर दूसरी मशीनों का इस्तेमाल किया गया है।
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