'ना-नुकर' के बीच भाजपा ने गिरिराज को बेगूसराय से दिया टिकट, महागठबंधन के उम्मीदवार पर सस्पेंस
नई दिल्ली। बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए के सभी घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के बाद आज उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी हो गया। भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने प्रदेश की 40 लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। भूपेंद्र यादव ने बताया कि एनडीए में भाजपा को 17, जेडीयू को 17 और रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी को 6 सीटें मिली हैं।
बेगूसराय से गिरिराज सिंह को पार्टी ने बनाया उम्मीदवार
बीजेपी ने जिन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है उनमें बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह का नाम भी शामिल है। नवादा सीट से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह को बेगूसराय से टिकट दिया गया है। दरअसल, सीटों के बंटवारे के तहत नवादा सीट रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के खाते में चली गई है। ऐसे में गिरिराज सिंह को पार्टी ने नवादा की जगह बेगूसराय से उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, बेगूसराय से गिरिराज सिंह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे और उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी।
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नवादा सीट लोजपा के खाते में गई है
नवादा सीट के लोजपा के खाते में जाने के बाद लेकर गिरिराज सिंह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था , 'मैं इसपर ज्यादा कुछ नहीं कह सकता हूं, केवल प्रदेश अध्यक्ष ही इस पर कुछ कह सकते हैं क्योंकि वह अंतिम समय तक कहते रहे कि आप जहां से चाहेंगे वहां से चुनाव लड़ेंगे। मैं वास्तव में उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन मैंने ये जरूर कहा कि अगर मैं चुनाव लड़ूंगा, तो नवादा सीट से ही लड़ूंगा।'
बेगूसराय से कन्हैया कुमार को मैदान में उतार सकती है सीपीआई
बेगूसराय सीट पर मुकाबला इसलिए दिलचस्प हो सकता है क्योंकि सीपीआई जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को इस सीट से मैदान में उतार सकती है। हालांकि महागठबंधन की सीटों के ऐलान के बाद पार्टी को झटका लगा है क्योंकि राजद-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने सीपीआई को कोई सीट नहीं दी है जबकि सीपीआई-माले को एक सीट दी गई है। वहीं, खबर आ रही है कि अब सीपीआई कन्हैया कुमार को बेगुसराय से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
कन्हैया-गिरिराज से बीच हो सकता है मुकाबला
2014 लोकसभा चुनाव से पहले से ही गिरिराज सिंह ने अपनी छवि कट्टर हिंदुवादी और राष्ट्रवादी नेता की बना ली थी। किसी भी विवादित मुद्दे पर उनका तेवर बहुत ही तीखा होता है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि जेएनयू कांड में भी वे कन्हैया कुमार और उनके साथियों के मुखर विरोधी थे। उन्होंने 'टुकड़े-टुकड़े' कांड में हल्ला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ा था। वे लगातार कन्हैया कुमार पर निशाना साधते रहे हैं। अगर सीपीआई बेगूसराय सीट पर कन्हैया को उतारती है तो यहां एक हाई वोल्टेज फाइट देखने को मिल सकती है।