छोटी बहू अपर्णा के लिए मुलायम ने अखिलेश से मांगी ये सीट
मुलायम सिंह यादव ने अपनी छोटी बहू अपर्णा के लिए अखिलेश से एक अहम सीट मांगी है।
नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अभी तक यूपी की 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के साथ बनाए गए महागठबंधन में समाजवादी पार्टी को चुनाव लड़ने के लिए 37 सीटें मिली हैं। इस बीच सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के चुनाव लड़ने को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। दरअसल खबर है कि मुलायम सिंह चाहते हैं कि अपर्णा यादव को समाजवादी पार्टी से टिकट दिया जाए। मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा की सीट को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी बात की है।
'नेताजी या अखिलेश भैया ही लेंगे फैसला'
समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि अपर्णा यादव को यूपी की सम्भल लोकसभा सीट से टिकट दिया जाए। मुलायम ने इस बारे में अखिलेश से चर्चा भी की है। वहीं, इस संबंध में अपर्णा यादव का कहना है कि उनके चुनाव लड़ने को लेकर नेताजी या अखिलेश भैया ही फैसला लेंगे। अपर्णा ने कहा, 'सम्भल से चुनाव लड़ने के बारे में अभी मुझसे किसी तरह की राय नहीं ली गई है। मेरे बारे में नेताजी जो भी निर्णय लेंगे, मैं उसका सम्मानपूर्वक पालन करूंगी। मैं राजनीति में सिर्फ नेताजी की वजह से हूं, इसलिए वह जो भी फैसला लेते हैं मैं उससे बंधी हुई हूं। वह पहले दिन से ही मेरे लिए राजनीतिक गुरु हूं।'
शिवपाल की पार्टी पर क्या कहा?
आपको बता दें कि इससे पहले चर्चा थी कि अपर्णा यादव अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में जा सकती हैं। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो अपर्णा ने कहा, 'चाचाजी भी हर फैसला मुलायम सिंह जी से ही पूछकर लेते हैं। वो भी हमारे परिवार के सदस्य हैं। मेरे चुनाव लड़ने को लेकर भी अंतिम फैसला नेताजी ही लेंगे।' गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने जिन 11 सीटों पर अभी तक टिकटों का ऐलान किया है, उनमें मैनपुरी लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव, बदायूं लोकसभा सीट से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद लोकसभा सीट से अक्षय यादव और कन्नौज सीट से डिंपल यादव को टिकट दिया गया है।
आजमगढ़ से लड़ेंगे अखिलेश
वहीं, समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव खुद यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। सपा-बसपा महागठबंधन बनने के बाद आजमगढ़ सीट को अखिलेश यादव के लिए चुनने के पीछे एक बड़ी वजह है। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद मुलायम सिंह यादव ने यहां से भाजपा उम्मीदवार रमाकांत यादव को हराकर जीत हासिल की। मुलायम सिंह को इस सीट पर 340306 और भाजपा उम्मीदवार को 277102 वोट मिले। बसपा ने यहां से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया और उन्हें 266528 वोट मिले। इस चुनाव में सपा को 35.43 और बसपा को 27.75 फीसदी वोट मिला, जबकि भाजपा को 28.85 फीसदी वोट मिले। इसके अलावा 2017 के विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ लोकसभा के अतर्गत आने वाली पांच सीटों में से सपा ने तीन और बसपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की। भाजपा का यहां खाता भी नहीं खुला।
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संयुक्त रैलियां करेंगे अखिलेश-मायावती
इससे पहले बुधवार शाम को अखिलेश यादव अचानक बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने उनके लखनऊ स्थित आवास पर पहुंचे। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अखिलेश यादव और मायावती की यह पहली मुलाकात थी। इस बारे में जब समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव में प्रचार की रणनीति, संयुक्त रैलियों और सभाओं को लेकर चर्चा हुई। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि महागठबंधन के तहत यूपी की दो सीटें- अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिए छोड़ी गई हैं और हम लोग पूरी ईमानदारी से इन दो सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करेंगे।