गठबंधन पर भड़के 4 बार के भाजपा सांसद, कहा- फिर से सोच लो, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा
चार बार के भाजपा सांसद ने अपनी पार्टी से कहा है कि वो अपने फैसले पर फिर से सोच ले, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटी भारतीय जनता पार्टी जहां एनडीए को मजबूत करने के लिए अलग-अलग राज्यों में गठबंधन के गणित बिठान में लगी है, तो वहीं उसके अपने नेता पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। मामला झारखंड का है, जहां भाजपा ने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के साथ गठबंधन किया है। गठबंधन के तहत झारखंड की गिरीडीह लोकसभा सीट आजसू के खाते में चली गई है, जिसे लेकर इस सीट से भाजपा के वर्तमान सांसद रविंद्र कुमार पांडे ने नाराजगी जाहिर की है। रविंद्र कुमार पांडे ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा है कि गिरीडीह लोकसभा सीट को लेकर पार्टी फिर से विचार करे।
'पार्टी ने मेरी कुर्बानी दे दी'
चार बार के भाजपा सांसद रविंद्र कुमार पांडे ने अपनी पार्टी से कहा है कि वह गठबंधन के तहत गिरीडीह लोकसभा सीट आजसू को दिए जाने पर फिर से विचार करे। रविंद्र कुमार पांडे ने कहा, 'पार्टी ने मेरी कुर्बानी दे दी...मेरी निर्विवाद निष्ठा और वफादारी के लिए उन्होंने मुझे ये इनाम दिया है। इसका बहुत बड़ा असर पड़ेगा। मीडिया के माध्यम से मैं भाजपा नेतृत्व से प्रार्थना करना चाहता हूं कि वो अपने फैसले पर फिर से विचार करे। अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है।' आपक बता दें कि रविंद्र कुमार पांडे 1996 के चुनाव से लगातार इस सीट से जीतकर सांसद बनते आ रहे हैं। हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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भाजपा के लिए क्यो खास है गिरीडीह सीट
इससे पहले बीते 9 मार्च को भारतीय जनता पार्टी ने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के साथ गठबंधन का ऐलान किया। गठबंधन के तहत झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 13 पर भाजपा और एक सीट पर आजसू चुनाव लड़ेगी। हालांकि आजसू ने गिरीडीह के साथ-साथ हजारीबाग लोकसभा सीट भी मांगी थी, लेकिन बात नहीं बन पाई। 2014 के लोकसभा चुनाव में रविंद्र पांडे ने 3.91 लाख वोट हासिल कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगरनाथ महतो को इस सीट पर हराया था। इस चुनाव में आजसू के उम्मीदवार उमेश चंद्र मेहता को 55531 वोट मिले थे। गिरीडीह में कुर्मी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है और झारखंड मुक्ति मोर्चा व आजसू दोनों पार्टियों की ही कुर्मी मतदातों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़े, लेकिन विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन करके लड़े।
14 में से 12 सीटें जीती थी भाजपा
इस बारे में गिरीडीह के भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार अग्रवाल ने संकेत दिए कि केंद्रीय नेतृत्व अपने फैसले पर फिर से विचार कर सकता है। वहीं, आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा, 'हमने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद फीडबैक के आधार पर गिरिडीह से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। गिरीडीह लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती हैं, जिनमें- डुमरी, गोमिया, बेरमो, टुंडी, गिरिडीह और बाघमारा शामिल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि 2 सीटों- राजमहल और दुमका में झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
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