यूपी के लोगों को बाहरी बोलती हैं ममता, कुर्सी के खेल में माया भी हैं दीदी के साथ: पीएम मोदी
लखनऊ। पीएम नरेंद्र मोदी आज लोसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के प्रचार के लिए यूपी में रैलियां कर रहे हैं। इसी क्रम में बीजेपी के माहौल को और मजबूत करने के लिए पीएम मोदी मऊ पहुंचे। यहां पर पीएम मोदी हरि नारायण राजभर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने भाजपा विजय संकल्प रैली में महागठबंधन के साथ कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा ने जाति के आधार पर एक अवसरवादी गठबंधन करने की कोशिश की। इनके बीच लखनऊ में एसी कमरे में बैठकर ऊपर-ऊपर से तो डील हो गई, लेकिन जमीन से कटे हुए नेता यहां पर अपने कार्यकर्ताओं को ही भूल गए।
देश इन महामिलावटी दलों की सच्चाई पहले दिन से जानता है। पीएम मोदी ने कहां कि देश को पता है कि मोदी हटाओ का नारा तो बहाना था। असल में इन्हें अपने भ्रष्टाचार के पाप को छुपाना था। यह लोग जैसे तैसे कोशिश कर रहे थे कि देश में खिचड़ी सरकार बन जाए। पीएम ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बसपा सुप्रीमो मायावती पर एक साथ निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह ममता दीदी वहां पर यूपी बिहार और पूर्वांचल के लोगों पर निशाना साध रही हैं, मैंने सोचा था कि बहन मायावती इस पर ममता दीदी को जरूर खरी खोटी सुनाएंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें आपकी चिंता नहीं है, उन्हें कुर्सी का खेल खेलना है।
पीएम ने कहा कि मैं दीदी का रवैया मैं काफी समय से देख रहा हूं लेकिन अब इसे पूरा देश देख रहा है। अमित शाह की रैली के दौरान कोलकाता में ईश्वरचंद्र विद्यासागर की मूर्ति गिराने पर पीएम मोदी ने कहा कि उनके विजन के लिए समर्पित हमारी सरकार उसी जगह पर ईश्वरचंद्र विद्यासागर की पंचधातु की मूर्ति स्थापित करेगी और टीएमसी के गुंडों को जवाब देगी। उन्होंने कहा 21वीं सदी में देश को एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए। मजबूत सरकार से ही एक विकसित भारत का सपना सच हो सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री मुझे पीएम नहीं मानती हैं। वो पाकिस्तान के पीएम को पीएम मानती हैं।
किसानों के कर्ज के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन किसान परिवारों के बैंक खाते में सीधी मदद देने में जुटा हूं, जिन्हें छोटे-छोटे खर्च के लिए भी कर्ज लेना पड़ता था। उन्होंने सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि अब बुआ हो या बबुआ हो, इन लोगों ने खुद को गरीबों से इतना दूर कर लिया है, इन्होंने अपने आसपास पैसे की, वैभव की और अपने दरबारियों की इतनी बड़ी दीवार खड़ी कर ली है कि अब इन्हें गरीबों का दुःख नजर नहीं आता।