बिहार: कांग्रेस के हर फैसले में लालू हावी, चुनाव से आजाद ही रहेंगे कीर्ति
नई दिल्ली। महागठबंधन में हंगामे के डर से फेज वाइज उम्मीदवारों की घोषणा की जा रही है। रविवार को पटना में अफरा-तफरी के बीच राजद और कांग्रेस की संयुक्त प्रेस कांफ्रेस हुई। इसमें दूसरे चरण के तहत होने वाले पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव की तस्वीर साफ की गयी। किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार सीट कांग्रेस को मिली है। कांग्रेस ने कटिहार से तारिक अनवर, पूर्णिया से उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह और किशनगंज से मो. जावेद को टिकट दिया है। दूसरी तरफ राजद को भागलपुर और बांका की सीटें मिली हैं।राजद ने दोनों सीटों से अपने सिटिंग सांसदों को को बरकरार रखा है। भागलपुर से बुलो मंडल और बांका से जयप्रकाश नारायण यादव राजद से लड़ेंगे।
राजद-कांग्रेस की संयुक्त प्रेस वार्ता में अफरा-तफरी
रविवार को जब दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक चल रही थी उसी समय पटना में राजद ने कांग्रेस को संयुक्त प्रेस वार्ता के लिए बुला लिया। बिहार कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता दिल्ली में थे। कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम अभी तय भी नहीं हुअ थे फिर भी उसे प्रेस वार्ता के लिए मजबूर किया गया। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले का इंतजार तक नहीं किया गया। इस संयुक्त प्रेस कांफ्रेस के लिए दोनों दलों में तालमेल नहीं था। प्रेस को भी समय पर सूचना नहीं दी गयी। प्रेस प्रतिनिधियों को धूप में खड़ा रहना पड़ा। मीडियाकर्मियों ने राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे से इसके बारे में नाराजगी भी जाहिर की। जब यह पूछा गया कि कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम ही तय नहीं थे तब क्यों प्रेस वार्ता क्यों बुलायी गयी? कुछ घंटे तक इंतजार क्यों नहीं किया गया? कांग्रेस के नेता हरखू झा और राजद नेता रामचंद्र पूर्वे इसका कोई जवाब नहीं दे सके। इस प्रेस कांफ्रेस के औचित्य पर सवालों की बौछार होने लगी। जब कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने कहा कि लोजपा ने भी खगड़िया में उम्मीदवार का नाम नहीं बताया है। उसके बाद संवादताताओं ने कहा कि क्या आप एनडीए के फॉलोवर हैं तो वे सकपका गये और वहां से उठने की कोशिश करने लगे। इस बीच राजद नेता आलोक मेहता ने स्थिति संभालने की कोशिश लेकिन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था। अफरा-तफरी के बीच राजद और कांग्रेस ने हड़बड़ी में प्रेस वार्ता खत्म कर दी। जब महागठबंधन के नेता हाथ जोड़ कर फोटो खींचाने लगे तो मीडियाकर्मियों ने इस दिखावे का विरोध किया। हंगामा होता रहा और नेता एकता दिखाने के लिए तस्वीर खींचाते रहे।
इस बार कोई भी राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं करेगा- नवीन पटनायक
कीर्ति आजाद का पत्ता साफ
दरभंगा लोकसभा सीट पर निवर्तमान सांसद कीर्ति आजाद के चुनाव लड़ने के मंसूबे पर पानी फिरता नजर आ रहा है। दरभंगा में चौथे चरण के तहत 29 अप्रैल को चुनाव होना है। यह सीट राजद के खाते में गयी है। 2014 में कीर्ति आजाद भाजपा के टिकट पर दरभंगा से जीते थे। इसके पहले वे दो बार और यहां से जीत चुके थे। क्रिकेटर के रूप में वे दिल्ली की टीम से खेलते रहे थे। इस लिहाज से दिल्ली क्रिकेट संघ में उनकी दिलचस्पी थी। डीसीए के खर्चों को लेकर आजाद का वित्त मंत्री अरुण जेटली से विवाद शुरू हुआ। जेटली दिल्ली क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रह चुके थे। आजाद जेटली के खिलाफ इतने हमलावर हुए कि वे भाजपा पर भी निशाना साधने लगे। बात बढ़ती गयी। उनकी गिनती भाजपा के विक्षुब्ध नेताओं में होने लगी। जब आजाद को लगा कि अब उन्हें भाजपा से टिकट वहीं मिलेगा तो कांग्रेस में शामिल हो गये। उन्हें पक्का भरोसा था कि दरभंगा से वे महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे। लेकिन उनके इस भोसे पर पानी फिर गया।
कीर्ति ने तेजस्वी को खुश करने की थी
भाजपा से निलंबित होने के बाद कीर्ति आजाद दरभंगा के लिए पिछले साल से ही पिच तैयार कर रहे थे। वे जानते थे कि महागठबंधन में तेजस्वी की चलेगी। इस लिए उन्होंने तेजस्वी को खुश करने की कोशिश भी की थी। 20 मई 2018 को कीर्ति आजाद दिल्ली जाने के लिए पटना रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वीआइपी वेटिंग रूम में कीर्ति आजाद और उनकी पत्नी पूनम आजाद ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान तेजस्वी यादव भी ट्रेन पकड़ने के लिए वहां पहुंचे। तेजस्वी को देख कर कीर्ति ने काफी गर्मजोशी दिखायी। तेजस्वी वहां आजाद दम्पति से मिले। इसके बाद कीर्ति आजाद ने इस मुलाकात की एक फोटो ट्वीट कर लिखा था- तेजस्वी यादव बिहार के वंडर ब्वॉय हैं। यानी उन्होंने तेजस्वी को राजनीति का तेंदुलकर कहा था। क्रिकेट की दुनिया में सचिन तेंदुलकर को वंडर ब्वॉय के नाम से भी जाना जाता है। तब उनके इस ट्वीट का राजनीतिक मतलब निकाला गया था कि कीर्ति दरभंगा के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं। लेकिन उनकी ये कोशिश किसी काम की नहीं रही। वक्त आया तो राजद ने यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया।
अशोक गहलोत बोले- गांधी परिवार के बगैर बिखर जाएगी कांग्रेस, इसलिए उनका नेतृत्व जरूरी
राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी को टिकट
राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी को दरभंगा से टिकट दिया गया है। वे दरभंगा के अलीनगर सीट से विधायक हैं और उनका मजबूत जनाधार है। वे अभी सात बार विधायक चुने जा चुके हैं। बिहार के पूर्व वित्त मंत्री रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में सिद्दीकी ने मधुबनी से चुनाव लड़ा था। उन्होंने भाजपा के हुकुमदेव नारायण यादव को कड़ी टक्कर दी थी। हुकुमदेव नारायण यादव किसी तरह 20 हजार वोटों से ही जीत पाये थे। अब ऱाजद ने उन्हें उनके गृह जिले दरभंगा से मौका दिया है।
(इस लेख में व्यक्त विचार, लेखक के निजी विचार हैं. आलेख में दी गई किसी भी सूचना की तथ्यात्मकता, सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं।)