साध्वी प्रज्ञा पर बरसे कुमार विश्वास, बोले-चुनावी हार-जीत के लिए कुछ भी कह रहे हैं ये लोग, शर्म करो
नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) को कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ मैदान में उतारा है, अपना नाम घोषित होने के बाद साध्वी ने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे (Hemant Karkare) के खिलाफ एक विवादित बयान दिया है, जिसकी वजह से वो सोशल प्लेटफार्म पर इस वक्त आलोचनाओं के घेरे में हैं।
साध्वी प्रज्ञा पर बरसे कुमार विश्वास
उन पर सबसे कड़ी टिप्पणी आप नेता और कवि कुमार विश्वास ने की है, जिन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट किया है कि मुंबई आतंकी हमले में आतंकवादियों से सीधे भिड़ने वाले शहीद हेमंत करकरे के बलिदान को उसके कर्मों की सजा बता रही हैं, भोपाल प्रत्याशी जो मंच पर बैठे हैं वो एक चुनावी हार-जीत के लिए, बेशर्मी से ताली बजा रहे हैं? देश के लिए वर्दी में शहीद हो चुके एक सिपाही के साथ ये सलूक?।
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विश्वास ने पूछा-एक सिपाही के साथ ये सलूक?
कुमार विश्वास ने इस ट्वीट के साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है, आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ने शहीद हेमंत करकरे पर आरोप लगाते हुए कहा है कि करकरे ने उन्हें गलत तरीके से फंसाया था, प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि एक अधिकारी ने हेमंत करकरे से उन्हें छोड़ने का कहा था लेकिन करकरे ने कहा था कि वो कुछ भी करेंगे, सबूत लाएंगे लेकिन साध्वी को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
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करकरे से मैंने कहा था-एक दिन तेरा सर्वनाश होगा
करकरे का ये काम धर्म और देश के विरूद्ध था। साध्वी ने कहा कि मैंने उसकी इस हरकत पर उससे कहा था कि तुमने गलत ढंग से मुझे फंसाया है ना, देखना एक दिन तेरा सर्वनाश होगा, तो उसने मुझे गंदी-गंदी गालियां दी थी। साध्वी ने कहा कि ठीक सवा महीने में सूतक लगता है, जिस दिन मैं गई थी उस दिन सूतक लग गया था और इसके ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया, देखिए उसका अंत हो गया।
कौन थे हेंमत करकरे?
हेमंत करकरे, मुंबई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे। वे 26 नवम्बर 2008 को मुंबई में हुए श्रेणीबद्ध धमाकों और गोलीबारी का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हुए थे। हेमंत करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। नागपुर के विश्वेश्वर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले करकरे ने डॉ. केपी रघुवंशी से मुंबई एटीएस के प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था। इन्हें अशोक चक्र से नवाजा जा चुका है, जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच इनके पास ही थी।
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