Loksabha elections 2019: एक नजर में जानिए चुनाव कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग ने बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए 10 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और सभी बूथों पर वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। 17वीं लोकसभा के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव सात चरणों में होगा। चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। एक नजर में जानिए लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की महत्वपूर्ण बातें...
7 चरणों में संपन्न होगा लोकसभा चुनाव
-
17वीं
लोकसभा
का
चुनाव
कुल
सात
चरणों
में
संपन्न
होगा
-
पूरी
चुनाव
प्रक्रिया
करीब
डेढ़
महीने
चलेगी
-
11
अप्रैल
को
पहले
चरण
के
मतदान
से
शुरू
होकर
23
मई
को
मतगणना
के
साथ
संपन्न
होगी
-
चुनाव
कुल
सात
चरणों
में
11
अप्रैल
से
शुरू
होकर
19
मई
तक
चलेंगे
-
कुल
90
करोड़
मतदाता
इस
बार
वोट
डाल
सकेंगे
-
1.5
करोड़
नए
मतदाताओं
की
उम्र
18-19
साल
इसे भी पढ़ें:- लोकसभा चुनाव 2019: किस चरण में किस राज्य की कितनी सीटें?
सभी पोलिंग बूथ पर VVPAT का इस्तेमाल
-
सभी
पोलिंग
बूथ
पर
वीवीपैट
का
इस्तेमाल
होगा
-
8.4
करोड़
नए
मतदाता
इस
बार
जुड़े
-
1950
वोटर
हेल्पलाइन
नंबर
दिया
गया
-
10
लाख
बूथों
पर
पेपर
ऑडिट
ट्रेल
का
इस्तेमाल
होगा
-
लाउड
स्पीकरों
का
उपयोग
रात
10
बजे
से
सुबह
6
बजे
तक
प्रतिबंधित
रहेगा
-
उम्मीदवारों
को
सोशल
मीडिया
डिटेल्स
की
जानकारी
देनी
होगी
नागरिक नकद लेनदेन की शिकायत कर सकते हैं: CEC
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि विशेष पर्यवेक्षकों को उन राज्यों में भेजा जाएगा जहां हम उम्मीद करते हैं कि सुरक्षा एक मुद्दा होगी। सीईसी सुनील अरोड़ा ने यह भी कहा कि नागरिक चुनाव के दौरान नकद लेनदेन की शिकायत कर सकते हैं। लोग नकद लेनदेन के वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं और चुनाव आयोग के पोर्टल में अपलोड कर सकते हैं।
ईवीएम
का
ट्रांसपोर्टेशन
जीपीएस
के
माध्यम
से
ट्रैक
किया
जाएगा
:
CEC
सीईसी
चुनाव
आयुक्त
सुनील
अरोड़ा
ने
कहा,
ईवीएम
की
सुरक्षा
के
बारे
में
शिकायतों
के
मद्देनजर,
इन
मशीनों
के
परिवहन
को
जीपीएस
के
माध्यम
से
ट्रैक
किया
जाएगा।
सभी महत्वपूर्ण घटनाओं की वीडियोग्राफी होगी
-
संवेदनशील
मतदान
केंद्रों
की
विस्तृत
वेबकास्टिंग
होगी।
सभी
महत्वपूर्ण
घटनाओं
की
वीडियोग्राफी
की
जाएगी।
-
उम्मीदवारों
की
तस्वीरें
ईवीएम
में
प्रदर्शित
की
जाएंगी
'फोटो
वोटर
स्लिप
का
इस्तेमाल
पहचान
के
प्रमाण
के
तौर
में
नहीं
किया
जा
सकता'
सीईसी
सुनील
अरोड़ा
ने
कहा,
"फोटो
वोटर
स्लिप
का
इस्तेमाल
वोट
डालने
के
समय
पहचान
के
प्रमाण
के
तौर
पर
नहीं
किया
जा
सकता
है।
इस
आशय
के
निर्देश
चुनाव
आयोग
की
ओर
से
पहले
ही
जारी
किए
जा
चुके
हैं।
इस
बार
लगभग
10
लाख
मतदान
केंद्र
स्थापित
किए
जाएंगे।
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