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कौन है वो महिला, जिसने सपा का किला ढहाकर, मुलायम के भतीजे को हराया

बदायूं सीट पर लंबे वक्त से समाजवादी पार्टी का कब्जा था, लेकिन इस महिला ने सपा के किले पर भगवा परचम लहरा दिया।

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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में 'मोदी की आंधी' के आगे विपक्ष की हर 'किलेबंदी' ढह गई। चुनाव नतीजों से यूपी में बने सपा-बसपा और आरएलडी के महागठबंधन को सबसे बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से महज 15 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाया। इनमें 10 सीटें बसपा और 5 सीटें सपा को मिली हैं। वहीं, इस चुनाव में आरएलडी का खाता भी नहीं खुला और पार्टी अध्यक्ष अजीत सिंह व जयंत चौधरी अपनी-अपनी सीटों पर चुनाव हार गए। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव के परिवार के तीन सदस्यों को हार का मुंह देखना पड़ा है। इनमें सपा का मजबूत गढ़ मानी जाने वाली बदायूं लोकसभा सीट पर मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव भी चुनाव हारे हैं। धर्मेंद्र यादव को भाजपा की महिला नेता संघमित्रा मौर्य (Who Is Sanghmitra Maurya) ने शिकस्त दी है। आइए जानते हैं कौन हैं संघमित्रा मौर्य।

मुलायम के खिलाफ भी लड़ चुकी हैं चुनाव

मुलायम के खिलाफ भी लड़ चुकी हैं चुनाव

संघमित्रा मौर्य यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद खास रहे स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। संघमित्रा इससे पहले 2014 के लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं। इस चुनाव में वो तीसरे नंबर पर रहीं थी और उन्हें 142833 वोट मिले थे। इसके अलावा 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी वो एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इस चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य उस समय बसपा में थे और 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीएसपी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने संघमित्रा को 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के मजबूत गढ़ बदायूं से टिकट दिया, जहां पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा था।

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धर्मेंद्र यादव को 18384 वोटों के अंतर से हराया

धर्मेंद्र यादव को 18384 वोटों के अंतर से हराया

संघमित्रा मौर्य ने भाजपा के भरोसे को कायम रखते हुए बदायूं में सपा नेता धर्मेंद्र यादव को 18384 वोटों के अंतर से हरा दिया। बदायूं सीट पर संघमित्रा मौर्य को 510343 और धर्मेंद्र यादव को 491959 वोट मिले। चुनाव नतीजों के दिन इस सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिला। कभी संघमित्रा मौर्य आगे निकलतीं तो कभी धर्मेंद्र यादव उनपर लीड हासिल कर लेते। हालांकि अंतिम राउंड की गिनती में संघमित्रा मौर्य ने बदायूं सीट पर जीत हासिल करते हुए सपा के इस मजबूत किले पर भगवा परचम लहरा दिया। कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया था, जो तीसरे नंबर पर रहे और उन्हें महज 51896 वोट ही मिल पाए।

'गुंडों से भी बड़ी गुंडी संघमित्रा बन जाएगी'

'गुंडों से भी बड़ी गुंडी संघमित्रा बन जाएगी'

चुनाव प्रचार के दौरान संघमित्रा मौर्य उस समय भी सुर्खियों में आईं थी, जब उन्होंने एक विवादित बयान दिया था। दरअसल बदायूं लोकसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा के दौरान संघमित्रा मौर्य ने कहा था, 'आप लोग अपना आशीर्वाद मुझे दीजिए और अन्य लोगों का भी आशीर्वाद अपनी इस बेटी को दिलाइए। अगर आपके बीच में कोई दादागिरी करने आता है, गुंडागर्दी कराने आता है तो आप मत डरिएगा, क्योंकि उन गुंडों से भी बड़ी गुंडी संघमित्रा बन जाएगी। अगर किसी ने यहां पर आपके सम्मान, स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की तो संघमित्रा उन गुडों से भी बड़ी गुंडी बन जाएगी।'

सपा के लिए क्यों अहम है बदायूं

सपा के लिए क्यों अहम है बदायूं

आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को कन्नौज सीट पर और राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को फिरोजाबाद सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा है। धर्मेंद्र यादव 2009 से बदायूं सीट से सांसद हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद 166347 वोटों के भारी अंतर से जीते थे। वहीं, कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े सलीम इकबाल शेरवानी पहले समाजवादी पार्टी में थे और बदायूं सीट से ही सपा के टिकट पर चार बार सांसद रह चुने गए।

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English summary
Lok Sabha Elections 2019: Know About Sanghmitra Maurya Who Defeated SP Leader Dharmendra Yadav.
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