अब JDU ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन, अंतिम चरण की वोटिंग से पहले कर डाली बड़ी मांग
लोकसभा चुनाव में अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले जेडीयू ने एक बड़ी मांग उठा दी है, जिससे भाजपा मुश्किल में है।
नई दिल्ली। 2019 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और बची हुई सीटों को लेकर सभी सियासी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में बिहार (Bihar) की आठ सीटों पर भी चुनाव होना है, जिनमें पटना साहिब, पाटलिपुत्र, जहानाबाद, नालंदा, सासाराम, काराकाट, बक्सर और आरा लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। लोकसभा चुनाव की इसी गहमागहमी के बीच आखिरी चरण के मतदान से ठीक पहले बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू (JDU) ने अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है। दरअसल जेडीयू फिर से अपनी एक पुरानी मांग पर लौट आया है।
क्या है जेडीयू की मांग
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू ने एक बार फिर केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य (Special Status For Bihar) का दर्जा देने की मांग की है। सोमवार को जेडीयू ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उस मांग का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने अपने राज्य के लिए केंद्र से विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है। जेडीयू ने मांग की, कि ओडिशा और बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांगों पर पुनर्विचार करने के लिए वित्त आयोग के संदर्भ की शर्तों में बदलाव किया जाए। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, 'अब जब ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने विशेष दर्जा देने की मांग उठाई है, तो हम इसका समर्थन करते हैं और बिहार के लिए भी विशेष राज्य का दर्जा चाहते हैं।'
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जेडीयू नेताओं ने बदली रणनीति
जेडीयू नेता केसी त्यागी से जब पूछा गया कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के बीच में इस मांग को क्यों उठाया है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि ओडिशा के सीएम ने इस मांग को फिर से उठाया है। हम केवल उस मांग के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं, जिसे लेकर पहले ही बिहार सरकार की तरफ से इसी तरह के तर्क दिए जा चुके हैं। 23 मई के बाद जब नई सरकार केंद्र में कार्यभार संभालेगी, तो हम चाहते हैं कि वह वित्त आयोग से अपने संदर्भ की शर्तों को बदलने के लिए कहे। बिहार के संपूर्ण विकास का एक स्थाई समाधान तभी संभव हो सकता है, जब राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा प्राप्त हो।' आपको बता दें कि इससे पहले जेडीयू के नेता चुनाव प्रचार के दौरान जनता के सामने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों को प्रमुखता से बताते रहे हैं, लेकिन जेडीयू की इस मांग को अब उनकी बदली हुई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
'नीतीश कुमार को आगे रखे भाजपा'
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी बिहार को विशेष राज्य की दर्जे की मांग का समर्थन किया है। वहीं, जेडीयू के एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी ने एक अलग बयान देते हुए कहा कि अगर एनडीए 2019 में सत्ता में आना चाहती है, तो उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनाव प्रचार अभियान में सबसे आगे रखना होगा। हालांकि जेडीयू और भाजपा के नेताओं ने जहां बलयावी के बयान को सिरे से नकार दिया, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। आपको बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। लोकसभा की 6 सीटें रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं।
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