Lok Sabha Elections 2019: यूपी में छठे चरण के इस गणित ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 14 सीटों में सिर्फ फूलपुर और प्रतापगढ़ को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर अगर एसपी और बीएसपी के वोटों को जोड़ दिया जाए, तो वोटों का कुल योग बीजेपी को मिले वोटों से अधिक होता है। यही वो खास बात है तो छठे दौर के मतदान में बीजेपी को चिन्तित कर रही है। इन 14 सीटों में सिर्फ आजमगढ़ ही ऐसी सीट है जो बीजेपी के पास नहीं है। यहां से मुलायम सिंह यादव सांसद हैं, इस बार अखिलेश यादव इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। छठे दौर में जिन 14 सीटों पर मतदान होने हैं उनमें शामिल हैं श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, लालगंज, आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर, बस्ती, भदोही, संतकबीर नगर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, फूलपुर और प्रतापगढ़।
बीजेपी के लिए चिन्ता की बात इसलिए भी है क्योंकि फूलपुर में जब उपचुनाव हुआ था, तो परिणाम चौंकाने वाले मिले थे। यह सीट डिप्टी सीएम की सीट थी और बीजेपी को पूरा भरोसा था कि वह इस सीट को अपने नाम कर लेगी। यह सीट उन चंद सीटों में शामिल थी जहां बीजेपी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे। इसका मतलब ये कि एसपी-बीएसपी के वोटों को जोड़ देने के बावजूद बीजेपी के वोट अधिक थे। तब भी गठबंधन प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार को उपचुनाव में हरा दिया था। दरअसल फूलपुर, गोरखपुर और बाद में कैराना के नतीजों ने ही एसपी-बीएसपी गठबंधन का यूपी में आधार रखा।
एसपी-बीएसपी के साथ आने से बढ़ी टेंशन
छठे चरण में यूपी में कम से कम 6 सीटें ऐसी हैं जहां एसपी और बीएसपी को मिले वोटों को मिला दें तो उन्हें 2014 में बीजेपी के मुकाबले 1 लाख से अधिक वोट मिले थे। इनमें शामिल हैं- संतकबीरनगर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, लालगंज, आजमगढ़, बस्ती,
1. संतकबीरनगर में बीजेपी को करीब साढ़े तीन लाख वोट मिले थे, जबकि एसपी और बीएसपी को 5 लाख 90 हज़ार से अधिक वोट मिले थे।
2. इलाहाबाद में बीजेपी प्रत्याशी को 3 लाख 13 हज़ार वोट मिले थे। वहीं एसपी और बीएसपी को 4 लाख 13 हज़ार वोट हासिल हुए थे।
3. अम्बेडकर नगर में बीजेपी को 4 लाख 32 हज़ार सेज्यादा वोट हासिल हुए थे जबकि एसपी-बीएसपी को करीब सवा पांच लाख वोट हासिल हुए थे।
4. लालगंज में बीजेपी प्रत्याशी को करीब सवा तीन लाख वोट मिले थे। यहां एसपी-बीएसपी को 4 लाख 90 हज़ार से अधिक वोट मिले थे।
5. आजमगढ़ में एसपी से मुलायम सिंह यादव जीते थे। यहां एसपी और बीएसपी को मिले वोट जोड़ दें तो वह 6 लाख से ज्यादा हो जाती है जो बीजेपी को मिले पौने तीन लाख वोटों की तुलना में दुगुने से भी ज्यादा है।
6. बस्ती में बीजेपी को 3 लाख 50 हज़ार से अधिक वोट हासिल हुए थे जबकि एसपी और बीएसपी को 6 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।
फूलपुर में उपचुनाव के परिणाम चौंकाने वाले थे
2014 में जिन सीटों पर एसपी-बीएसपी के वोटों को मिला देने पर बीजेपी से उनके वोट अधिक हो जाते हैं लेकिन अंतर एक लाख वोटों से कम का रहता है उनमें शामिल हैं-श्रावस्ती, डुमरियागंज, सुल्तानपुर, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही।
1. श्रावस्ती में बीजेपी को 3 लाख 45 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि एसपी और बीएसपी को 4 लाख 50 हज़ार से ज्यादा वोट।
2. डुमरियागंज में बीजेपी ने लगभग 3 लाख वोट हासिल किए थे। मगर, यहां एसपी और बीएसपी के वोटों का योग 3 लाख 70 हज़ार से ज्यादा होता है।
3. सुल्तानपुर में बीजेपी प्रत्याशी फिरोज वरुण गांधी को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले थे तो एसपी-बीएसपी को मिला सम्मिलित वोट 4 लाख 50 हज़ार से अधिक था।
4. जौनपुर में बीजेपी को 3 लाख 70 हज़ार के करीब वोट मिले थे जबकि एसपी-बीएसपी को संयुक्त रूप से 4 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।
5. मछलीशहर में बीजेपी को 4 लाख 38 हज़ार से ज्यादा वोट मिले थे। यहां एसपी-बीएसपी को मिलाकर मिले वोटों की संख्या 4 लाख 60 हज़ार से अधिक रही थी।
6. भदोही में बीजेपी को 4 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। यहां एसपी-बीएसपी को 4 लाख 80 हज़ार से अधिक वोट हासिल हुए थे।
बीजेपी के लिए अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती
यूपी का छठा चरण इसी मायने में महत्वपूर्ण है। महागठबंधन के लिए अधिक से अधिक सीटों को झटकने का मौका है। उनके लिए फूलपुर, गोरखपुर और कैराना के उपचुनाव प्रेरणा हैं। वहीं, बीजेपी के लिए सावधान रहते हुए अपनी सीटों को बचाए रखने की चुनौती है।
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