पांच साल में कितनी बढ़ी केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की संपत्ति?
चल और अचल संपत्ति के अलावा वीके सिंह के पास दो राइफल और उनकी पत्नी के पास एक पिस्टल है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का नामांकन होने के बाद अब राजनीतिक दल और उनके नेता जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। यूपी की वीआईपी सीटों में शुमार गाजियाबाद में सोमवार को केंद्रीय मंत्री और इसी सीट से मौजूदा सांसद वीके सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया। वीके सिंह के अलावा सपा-बसपा-आरएलडी महागठबंधन की ओर से सुरेश बंसल, कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सेवाराम कसाना ने भी गाजियाबाद सीट से पर्चा भरा। इस दौरान चारों प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया, जिसमें पता चला कि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की संपत्ति में पिछले पांच साल में कितना इजाफा हुआ है।
5 साल में 1 करोड़ बढ़ी संपत्ति
चुनाव आयोग को दिए गए संपत्ति के ब्यौरे के मुताबिक केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की संपत्ति में पिछले पांच साल में कुल एक करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नामांकन के वक्त दिए गए ब्यौरे के मुताबिक वीके सिंह की चल और अचल संपत्ति 1.84 करोड़ रुपए थी, जो 2019 में बढ़कर 2 करोड़, 84 लाख, 59 हजार रुपए हो गई। वीके सिंह के पास एक इनोवा गाड़ी और दो राइफल भी हैं। इसके अलावा वीके सिंह की पत्नी भारती सिंह के पास 2 करोड़, 80 लाख, 85 हजार रुपए की संपत्ति है। उनकी पत्नी के नाम पर एक पिस्टल भी है।
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भाजपा ने एक बार फिर लगाया वीके सिंह पर दांव
आपको बता दें कि गाजियाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने वीके सिंह को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। वीके सिंह ने 2014 के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद में कांग्रेस के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर को 567260 वोटों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। इससे पहले इस सीट से वर्तमान गृह मंत्री राजनाथ सिंह सांसद थे, जिन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था। गाजियाबाद में पिछले 30 सालों में केवल एक बार, 2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता सुरेंद्र प्रकाश गोयल ने जीत का परचम लहराया था। इससे पहले 1991, 1996, 1998 और 1999 तक लगातार चार बार यहां से भाजपा के रमेश चंद तोमर सांसद रहे।
सपा के टिकट पर बसपा का नेता
वहीं, सपा-बसपा और आरएलडी की तरफ से अखिलेश यादव ने गाजियाबाद सीट पर बसपा के पूर्व विधायक सुरेश बंसल को टिकट दिया है। इससे पहले यहां सपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार शर्मा उर्फ मुन्नी शर्मा को टिकट दिया गया था, लेकिन बाद में प्रत्याशी बदल दिया गया। दरअसल गाजियाबाद के जातीय समीकरणों को देखते हुए सपा और बसपा ने यह बड़ा बदलाव किया। कांग्रेस ने गाजियाबाद सीट से मेयर का चुनाव लड़ चुकीं डॉली शर्मा को टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे जाने के बाद ब्राह्मण वोटों का बंटवारा होने की आशंका के चलते और भाजपा की तरफ से वीके सिंह को टिकट दिए जाने के बाद, वैश्य उम्मीदवार उतारकर सपा ने इस सीट पर बड़ा दांव चला है।
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