महागठबंधन की पहली लिस्ट फाइनल, जानिए किस सीट पर चुनाव लड़ेंगे SP, BSP और RLD
अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी के बीच सीटों की पहली लिस्ट फाइनल हो गई है। जानिए किसके हिस्से आई कौन सी सीट?
नई दिल्ली। यूपी में समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) को लेकर हुए महागठबंधन (Mahagathbandhan) में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) की भी एंट्री हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरएलडी (RLD) को महागठबंधन में शामिल करने के साथ ही पहले चरण में पश्चिमी यूपी की 22 लोकसभा सीटों पर तीनों दलों के बीच बंटवारे का गणित फाइनल कर लिया गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के प्रदर्शन के आधार पर इन 22 सीटों का गणित बिठाया गया है। 22 सीटों की इस पहली सूची में बहुजन समाज पार्टी को 11, समाजवादी पार्टी को 8 और आरएलडी को 3 सीटें दी गई हैं। आइए जानते हैं कि पश्चिमी यूपी की इन 22 सीटों में से सपा-बसपा और आरएलडी किस सीट पर चुनाव लड़ेगी।
मायावती के खाते में गईं ये 11 सीटें
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) , बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और आरएलडी नेता जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के बीच हुए सीटों के समझौते के तहत पश्चिमी यूपी की 22 सीटों में से सबसे ज्यादा 11 सीटें बीएसपी के खाते में गई हैं। पश्चिमी यूपी की जो 11 सीटें बहुजन समाज पार्टी को मिली हैं, वो हैं- गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर, आगरा, फतेहपुर सीकरी, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, अलीगढ़ और गौतमबुद्धनगर। माना जा रहा है कि इन 11 सीटों पर बीएसपी प्रमुख मायावती बहुत जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करेंगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन 11 सीटों पर बसपा दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी।
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अखिलेश यादव के हिस्स आईं ये 8 सीटें
महागठबंधन में अखिलेश यादव को पश्चिमी यूपी की 22 लोकसभा सीटों में से 8 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी गई हैं। ये आठ सीटें हैं- कैराना, सम्भल, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, रामपुर और मैनपुरी। सपा की तरफ से अगले कुछ दिनों में प्रत्याशियों का ऐलान किया जा सकता है। वहीं, महागठबंधन में चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी को तीन सीटें दी गई हैं। ये तीन सीटें हैं- मथुरा, बागपत और मुजफ्फरनगर। इनमें से मथुरा सीट पर खुद आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, सूत्रों के हवाले से खबर यह भी है कि हाथरस सीट पर सपा उम्मीदवार को आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़वाया जा सकता है।
आरएलडी को 3 सीटें लेकिन एक पर फंसा पेंच
दरअसल आरएलडी की तरफ से महागठबंधन में पहले 6 सीटों की मांग की गई थी। हालांकि अखिलेश यादव और मायावती ने आरएलडी के लिए 3 सीटें ही निर्धारित कीं। बताया जा रहा है कि इन तीन सीटों से अलग अभी एक सीट पर पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों की मानें तो पहली सूची में शामिल हाथरस सीट पर सपा उम्मीदवार को आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़वाया जा सकता है। इस फॉर्मूले से आरएलडी के हिस्से में लोकसभा की चार सीटें चली जाएंगी। हालांकि पुख्ता तौर पर इसे लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है। शनिवार को जब मायावती और अखिलेश यादव ने लखनऊ में महागठबंधन का ऐलान किया था तो उस समय आरएलडी को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया था। इसके बाद महागठबंधन में आरएलडी के शामिल होने को लकर कई तरह के कयास लगाए जाने लगे।
अखिलेश-जयंत की मुलाकात से बदले समीकरण
सियासी कयासों के बीच बुधवार को आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने लखनऊ जाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि आरएलडी को महागठबंधन में शामिल कर लिया गया है। हालांकि जयंत चौधरी ने मुलाकात के बाद कहा, 'अखिलेश जी के साथ मुलाकात काफी अच्छी रही। मुझे लगता है कि हम अपने प्रयास में सफल होंगे। जल्द ही मुलाकात के निर्णय के बारे में बताया जाएगा। सीटों को लेकर हमारी कोई बातचीत नहीं हुई। मसला सीटों का नहीं है बल्कि विश्वास और रिश्तों का है जो काफी गहरा है।' बताया जा रहा है कि बुधवार को जयंत से चर्चा के बाद ही पश्चिमी यूपी की इस सूची को फाइनल किया गया है।
कांग्रेस को 2 सीटों पर वॉकओवर
आपको बता दें अखिलेश यादव, मायावती और चौधरी अजीत सिंह ने यूपी की 80 में से 78 सीटों पर ही महागठबंधन का फैसला किया है। 2 सीटें- अमेठी और रायबरेली, बिना गठबंधन के ही कांग्रेस के लिए वॉकओवर के तौर पर छोड़ी गई हैं। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी अभी तक चुनाव लड़ती रही हैं। मायावती ने महागठबंधन के ऐलान के वक्त स्पष्ट तौर पर कहा कि कांग्रेस और भाजपा की नीतियां एक जैसी हैं. इसलिए कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल नहीं किया जाएगा।
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