जानिए क्या होता है Exit poll, कैसे तैयार किए जाते हैं आंकड़े?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019( Lok Sabha elections 2019) के आखिरी चरण खत्म होने के बाद अलग-अलग टीवी चैनलों ने अपने एग्जिट पोल जारी किए। अधिकांश एग्जिट पोल में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। हालांकि ये एग्जिट पोल्स के आंकड़े हैं। असली तस्वीर 23 मई को सामने आएगी। मतगणना से पहले हमेशा इस बात के कयास लगाए जाते हैं कि किसकी सरकार बनेगी। लोग सीटों के आंकड़ों को लेकर तुलना करते हैं, ओपिनियन रखते हैं। इन सबमें सबसे सटीक नतीजे एग्जिट पोल के होते हैं। चुनावी नतीजे सामने आने से पहले एग्जिट पोल बताता हैं कि आने वाली सरकार किसकी बनेगी, किसे कितनी सीटें मिल सकती है? ऐसे में ये जानना भी दिलचस्प है कि आखिर ये एग्जिट पोल होता क्या हैं और कैसे एग्जिट पोल में आंकड़ों की गणना की जाती है।
क्या होता है एग्जिट पोल
मतदान खत्म होने के बाद सर्वे एजेंसियां निर्वाचकों, वोटर्स से बातचीत कर, उनसे सवाल-जवाब कर राजनीतिक दलों के जीत-हार के पूर्वानुमानों का आकलन करती है। मतदान के आखिरी चरण खत्म हो जाने के बाद सर्वे करने वाली एजेंसियां इन आंकड़ों को जारी करती है, जिसे एग्जिट पोल कहा जाता है। एग्जिट पोल जारी करने से पहले हर चरण के मतदान के दिन डाटा इकट्ठा किया जाता है। वोट देने के बाद वोटर्स से सवाल-जवाब किए जाते हैं, उसने पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया। इन्हीं आंकड़ों को इक्ट्ठा कर व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं। यहीं एग्जिट पोल होता है।
कैसे एकत्रित किए जाते हैं आंकड़े
एग्जिट पोल हमेशा आखिरी चरण का मतदान खत्म होने के बाद दिखाया जाता है। जिसमें सर्वें कंपनियां अपने आंकड़ों के आधार पर तय करती है कि आने वाले नतीजों में कौंन सी पार्टी जीतेगी, कौन सी पार्टी हारेगी। किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेगी।आपको बता दें कि सबसे पहले 1967 को एग्जिट पोल का इस्तेमाल नीदरलैंड में चुनाव के दौरान किया गया था।
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