साध्वी प्रज्ञा के 'धर्मयुद्ध' वाले बयान पर भड़कीं मायावती, दे दी ये नई उपाधि
बसपा सुप्रीमो मायावती ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर हमला करते हुए उन्हें एक नई उपाधि दे दी।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी लगातार विवादों में घिरी हुई है। भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल सीट से टिकट दिया, तो विपक्ष ने इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी को घेरना शुरू कर दिया। इसके बाद मुंबई आंतकी हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर दिए गए विवादित बयान पर भी भाजपा बैकफुट पर है। हालांकि सोमवार को कोलकाता की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि साध्वी प्रज्ञा को झूठे केस में फंसाया गया था। वहीं, अब इस मामले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी साध्वी प्रज्ञा को लेकर बड़ा बयान दिया है।
मायावती ने प्रज्ञा ठाकुर को कहा 'बीजेपी रत्न'
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा, 'भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी व मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा का दावा है कि वे 'धर्मयुद्ध' लड़ रही हैं। यही है बीजेपी/आरएसएस का असली चेहरा जो लगातार बेनकाब हो रहा है। लेकिन आयोग केवल नोटिसें ही क्यों जारी कर रहा है व बीजेपी रत्न प्रज्ञा का नामांकन क्यों नहीं रद्द कर रहा है? मीडिया की जबर्दस्त आलोचनाओं के बावजूद चुनाव आयोग अगर जनसंतोष के मुताबिक निष्पक्षता से काम नहीं कर रहा है तो यह देश के लोकतंत्र के लिए बड़ी चिंता की बात है व इस गिरावट के लिए असली जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि बीजेपी व पीएम मोदी हैं जो गंभीर चुनावी आरोपों से घिरे हैं।'
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हेमंत करकरे पर बयान देकर विवादों में प्रज्ञा ठाकुर
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी चुनाव मैदान में हैं। भोपाल से टिकट मिलने के बाद विवादों में घिरी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बयान दिया था, 'जांच एंजेंसी ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि अगर आपके पास सबूत नहीं है तो उसे छोड़ दो। उन्होंने कहा कि मैं साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सबूत हासिल करने के लिए कुछ भी करूंगा। मैं उसे जाने नहीं दूंगा। ये उसकी कुटिलता थी। वह राष्ट्रविरोधी था, धर्म विरोधी था। आप विश्वास नहीं करोगे, लेकिन मैंने कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। इसके सवा महीने बाद ही आतंकियों ने उसे मार डाला। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ।'
साध्वी प्रज्ञा को NIA ने दी क्लीन चिट
साध्वी प्रज्ञा के इस बयान पर विरोध बढ़ा तो उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि उनके बयान से देश विरोधी ताकतें मजबूत हो रही हैं, इसलिए वो अपना बयान वापस लेती हैं। आपको बता दें कि मालेगांव ब्लास्ट के मामले में एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच की थी। मालेगांव ब्लास्ट में छह लोग मारे गए थे और 101 घायल हुए थे। लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा और अन्य को विस्फोट की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। साध्वी प्रज्ञा को साल 2015 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा क्लीन चिट दे दी गई थी, लेकिन ट्रायल कोर्ट ने उसे छोड़ने से इनकार कर दिया। एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ उसके पास कोई सबूत नहीं था, लेकिन कोर्ट ने कहा था कि यह स्वीकार करना मुश्किल है क्योंकि विस्फोट में उसकी मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर के ऊपर मकोका के तहत लगे आरोप हटा दिए थे। उनके ऊपर अभी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है और वो अभी जमानत पर बाहर हैं।
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