महागठबंधन के तहत किस सीट से चुनाव लड़ेंगी मायावती, सामने आई बड़ी खबर
सर्वे में भाजपा को यूपी में बढ़त मिलने की खबरों के बाद मायावती ने एक बड़ा फैसला लिया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही देश की राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से अपने चुनावी अभियान में लग गई हैं। सबसे ज्यादा चुनावी हलचल उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रही है। 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश को साधने और 2014 के लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने के लिए जहां भाजपा अपने बूथ मजबूत करने में जुटी है, तो वहीं कांग्रेस भी प्रियंका गांधी के करिश्मे के सहारे यूपी में अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने की आस में है। दूसरी तरफ सपा, बसपा और आरएलडी ने भी महागठबंधन के तहत अपने प्रत्याशियों का ऐलान करना शुरू कर दिया है। इस बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने एयर स्ट्राइक के बाद यूपी के बदलते समीकरणों को देखते हुए अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है। खबर है कि मायावती अब नगीना लोकसभा सीट से चुनाव ना लड़कर किसी और सीट से मैदान में उतर सकती हैं।
नगीना से चुनाव नहीं लड़ेंगी मायावती
दरअसल, लंबे समय से चर्चा थी कि बसपा अध्यक्ष मायावती महागठबंधन के तहत यूपी की नगीना लोकसभा सीट (सुरक्षित) से चुनाव लड़ सकती हैं। अब खबर है कि मायावती नगीना सीट से चुनाव ना लड़कर यूपी की अंबेडकर नगर या बिजनौर सीट से चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। बसपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के साथ बने महागठबंधन में सीटों की घोषणा होने के साथ ही मायावती ने अपने हिस्से में आईं सीटों के लोकसभा प्रभारियों के नाम तय कर दिए हैं। इसके साथ ही शीर्ष नेतृत्व की ओर से बसपा नेता गिरीश चंद्र जाटव को नगीना सीट से लोकसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कह दिया गया है। अब चर्चा है कि मायावती अपने लिए अंबेडकर नगर या बिजनौर में से कोई एक सीट चुन सकती हैं। मायावती इससे पहले भी 1989 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट पर जीत दर्ज कर चुकी हैं।
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पूर्वांचल में ब्राह्मण कार्ड खेलने की तैयारी में बसपा
गौरतलब है कि महागठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी यूपी की 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। बीएसपी की ओर से हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी टिकटों का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन खबर है कि कुछ सीटों पर मायावती अपने उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी हैं। यूपी में बसपा की सीटों पर मायावती की तरफ से जिन उम्मीदवारों के नाम लगभग फाइनल हो चुके हैं, उनमें- सीतापुर से नकुल दूबे, खलीलाबाद से कुशल तिवारी, फतेहपुर सीकरी से सीमा उपाध्याय, कैसरगंज से संतोष तिवारी, भदोही से रंगनाथ मिश्रा, प्रतापगढ़ से अशोक तिवारी और मऊ लोकसभा सीट से अजय राय (भूमिहार ब्राह्मण) के नाम शामिल हैं। हालांकि सीमा उपाध्याय के नाम को लेकर अभी संशय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि अकेले पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही बहुजन समाज पार्टी छह ब्राह्मण चेहरे चुनाव मैदान में उतारेगी।
सर्वे में भाजपा ने यूपी में बनाई बढ़त
आपको बता दें कि बीते रविवार को चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के तुरंत बाद आए इंडिया टीवी-सीएनएक्स के सर्वे के नतीजों में बताया गया कि पाकिस्तान पर वायुसेना की एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में एनडीए ने 12 सीटों की बढ़त हासिल की है। सर्वे के मुताबिक, यूपी में भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए 80 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज कर सकता है। वहीं, सपा, बसपा और आरएलडी के महागठबंधन को यूपी में 35 सीटें मिलती हुईं नजर आ रही हैं। यूपी की चार सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं। हालांकि इससे पहले फरवरी महीने की शुरुआत में जब सर्वे किया गया तो नतीजे कुछ और थे। एक महीने पहले किए गए सर्वे में एनडीए को केवल 29 सीटें ही मिल रही थी। यानी एक महीने के अंदर ही भाजपा ने 12 सीटों की बढ़त हासिल कर ली। इस सर्वे में महागठबंधन 49 सीटों पर जीत हासिल करता हुआ नजर आ रहा था। ताजा सर्वे पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के बाद किया गया।
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