Video: मैनपुरी रैली में मुलायम के जिद पर मायावती को बदलनी पड़ी अपनी कुर्सी
मैनपुरी की रैली में मंच पर बैठने के दौरान मुलायम सिंह की जिद के चलते मायावती को अपनी सीट बदलनी बड़ी। देखिए वीडियो।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में आयोजित महागठबंधन की रैली में पूरे 24 साल बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती एक मंच पर नजर आए। मंच पर मायावती और मुलायम सिंह यादव पहुंचे तो दोनों नेताओं ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवादन किया। रैली में मंच पर मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव के लिए तीन कुर्सियां मुख्य तौर पर लगाईं गई थी। इन कुर्सियों पर बैठने का क्रम भी पहले से तय था, लेकिन मुलायम सिंह यादव की जिद के चलते मायावती को अपनी सीट बदलनी बड़ी। हालांकि मुलायम ने शिष्टाचार के चलते अपनी सीट बदलने की जिद की थी।
कोने की कुर्सी पर बैठे मुलायम
दरअसल, मंच पर लगी तीन कुर्सियों में अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव को बीच की कुर्सी पर बिठाना चाहते थे। इसके लिए जैसे ही अखिलेश सहारा देकर मुलायम को बिठाने लगे तो उन्होंने बीच के बजाय कोने की कुर्सी पर ही बैठने की जिद की और उसी कुर्सी पर बैठ गए। इसके बाद मायावती को भी अपनी कोने की कुर्सी छोड़कर बीच की कुर्सी पर बैठना पड़ा। दोनों के बैठने के बाद अखिलेश मायावती के दाहिनी तरफ आकर बैठ गए। हालांकि मुलायम ने यह सब शिष्टाचार के तहत किया था। कुर्सियों पर बैठने से पहले मुलायम और मायावती ने हाथ हिलाकर जनता का अभिवान किया। इसके बाद अखिलेश और मायावती मंच पर मुस्कुराकर चर्चा करते हुए नजर आए।
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'हम मायावती का एहसान नहीं भूलेंगे'
मैनपुरी की रैली में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मायावती ने समय-समय पर हमारा साथ दिया है, हम इनका यहां आने पर स्वागत करते हैं और इनका एहसान कभी नहीं भूलेंगे। मुलायम ने कहा कि दोनों दलों को साथ रहना ही होगा। उन्होंने कहा कि यह मेरा आखिरी लोकसभा चुनाव है। इसके बाद मायावती मंच पर भाषण देने के लिए खड़ी हुईं। मायावती ने रैली में गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि देश के हालात बेहद खराब हैं और इसलिए देश हित में गेस्ट हाउस कांड के बाद भी हम लोग साथ चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि आज इस भीड़ के जोश को देखकर ऐसा लग रहा है कि आप इस बार मुलायम सिंह जी को ऐतिहासिक वोटों से जीत जरूर दिलाएंगे।
पिछड़ों के असली नेता हैं मुलायम
रैली में मायावती ने कहा, 'मैं गठबंधन के तहत यहां से चुनाव लड़ रहे मुलायम सिंह के बारे में कहना चाहूंगी कि इन्होंने सपा के बैनर तले सभी वर्गों के लोगों को पार्टी से जोड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी जी की तरह ये नकली या फर्जी पिछड़े वर्ग के नहीं हैं। मुलायम सिंह जी जन्म से असली पिछड़े वर्गे के हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता का दुरुपयोग करके अपनी अगड़ी जाती को पिछड़ा कर लिया था और अभी भी वे इनका (पिछड़ों का) हक मारने का काम कर रहे हैं। एक नकली या फर्जी व्यक्ति ईमानदारी से जनता का भला नहीं करता है। पिछड़ों के असली व वास्तविक नेता मुलायम सिंह यादव हैं। आज देश और प्रदेश में बहुत से सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। हमें इन नकली लोगों से बचकर रहने की ज़रुरत है और यह भी ध्यान देना ज़रूरी है कि इनका असली नेता किसका हितैषी है।'
'मुलायम सिंह को फिर से संसद में भेजें'
मायावती ने आगे कहा, 'मुलायम सिंह के मूवमेंट को अखिलेश यादव पूरी निष्ठा से आगे बढ़ा रहे हैं। आप सभी लोग मुलायम सिंह को एक बार फिर से संसद में भेजें। देश और राज्यों में कांग्रेस व भाजपा की गलत नीतियों की वजह से ही इन्हें कई बार सत्ता से बाहर होना पड़ा है। इन चुनावों में भाजपा की कोई भी नाटकबाजी, जुमलेबाजी काम नहीं आने वाली है। भाजपा की चौकीदारी की नई नाटकबाजी भी इनके काम नहीं आने वाली है। चाहे इनके सभी चौकीदार मिलकर कितना भी जोर क्यों ना लगा लें। भाजपा ने जो भी लुभावने वादे किए थे, ज़मीन पर उनका एक चौथाई काम भी पूरा नहीं हुआ है। भाजपा और उनके प्रधानमंत्री ने जनता को मुद्दों से भटकाने और गुमराह करने का काम किया है। प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे मोदी ने पिछली बार सौ दिनों के भीतर काला धन वापस लाकर गरीबों में बांटने का झूठा वादा किया था। क्या किसी को भी पिछले पांच सालों में पंद्रह लाख रुपये मिले? ये लोग आपको गुमराह करने के लिए लुभावने वादे करेंगे, मगर आपको इनके बहकावे में नहीं आना है।'
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