मायावती को तगड़ा झटका, कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में मैदान से हटा BSP कैंडिडेट
लोकसभा चुनाव के बीच मायावती को बड़ा झटका लगा है। इस सीट पर BSP प्रत्याशी ने कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन कर दिया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा को लेकर जोर-शोर से प्रचार में लगी बहुजन समाज पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट पर बीएसपी के उम्मीदवार खिलेश्वर कुमार साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दूबे को समर्थन देते हुए चुनावी मैदान से अपने कदम पीछे हटा लिए हैं। शुक्रवार को बसपा उम्मीदवार खिलेश्वर साहू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद दूबे को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होगा। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को लेकर कांग्रेस पर खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है।
'ना मेरे पास फंड है ना कार्यकर्ता'
शुक्रवार को रायपुर लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी खिलेश्वर कुमार साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए ना मेरे पास पर्याप्त फंड है और ना ही कार्यकर्ता। मुझे बहुजन समाज पार्टी की तरफ से भी चुनाव लड़ने के लिए कोई फंड नहीं मिला है। मैं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कामकाज को लेकर काफी खुश हूं और इसलिए मैंने रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद दूबे का समर्थन करने का फैसला लिया है।' वहीं, बीएसपी प्रत्याशी के समर्थन के ऐलान पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद दूबे ने कहा कि रायपुर लोकसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी खिलेश्वर साहू का कांग्रेस के जनहितकारी सिद्धांतों से प्रभावित होकर पार्टी में प्रवेश करने पर हार्दिक स्वागत है। हमारा लक्ष्य हर नागरिक को सम्मानपूर्ण जीवन की सौगात देना है। मुझे विश्वास है कि इस लक्ष्य को पाने में आपके अनुभव और कर्मठ स्वभाव का हमें पूर्ण लाभ मिलेगा।'
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BSP ने लगाया खरीद फरोख्त का आरोप
इस बीच, छत्तीसगढ़ की बसपा इकाई ने उसके प्रत्याशी खिलेश्वर साहू को लेकर कांग्रेस पर खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया है। बसपा ने चुनाव आयोग से मांग की है कि प्रमोद दूबे की उम्मीदवारी निरस्त की जाए। छत्तीसगढ़ के प्रदेश बसपा अध्यक्ष हेमंत पोयम ने इस मामले को लेकर कहा, 'कांग्रेस ने हमारे प्रत्याशी पर दबाव बनाया और उसे प्रलोभन भी दिया। हम कांग्रेस के इस कदम की कड़ी निंदा करते हैं और यह लोकतंत्र के लिए भी खतरा है। हालांकि, कांग्रेस की इस साजिश से बसपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल कम नहीं होगा और हम लोग रायपुर लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे।' छत्तीसगढ़ की बसपा कमेटी ने आरोप लगाते हुए राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि खरीद फरोख्त करने पर कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद दूबे की उम्मीदवारी को निरस्त किया जाए। बसपा ने खिलेश्वर साहू और प्रमोद दूबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
किस कीमत पर सौदा हुआ: BJP
वहीं, भाजपा ने बीएसपी की इस मांग का समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रवक्ता और विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, 'मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इस बात का पता लगाना चाहिए कि साहू को लुभाने के लिए किस कीमत पर सौदा हुआ है। क्या सीएम बघेल इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन करेंगे। चुनाव आयोग को कांग्रेस की खरीद फरोख्त की इस कोशिश के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए। हम चुनाव आयोग से यह भी मांग करते हैं कि खिलेश्वर साहू के चुनाव प्रचार में खर्च हुई धनराशि को प्रमोद दूबे के चुनावी खर्चे में जोड़ा जाए।' हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने बसपा और भाजपा के इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि खिलेश्वर साहू ने स्वेच्छा से कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला लिया है।
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रायपुर में 2004 से भाजपा का कब्जा
आपको बता दें कि रायपुर लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। साल 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद 2004 से इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करती रही है। 2004 के लोकसभा चुनाव में यहां भाजपा नेता रमैश बैस ने कांग्रेस उम्मीदवार श्यामाचरण शुक्ला को 129519 वोटों के अंतर से हराया था। बसपा इस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही थी। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भूपेश बघेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन उन्हें भी भाजपा उम्मीदवार रमेश बैस के सामने हार का सामना करना पड़ा। हालांकि भूपेश बघेल केवल 57901 वोटों के अंतर से ही चुनाव हारे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्य नारायण शर्मा को 171646 वोटों के अंतर से हराया।