चुनाव की घोषणा के साथ भाजपा सांसद ने किया पार्टी छोड़ने का ऐलान
चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सियासी दलों के बीच उठापटक का दौर शुरू हो गया है। चुनावी तारीखों के ऐलान के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। भाजपा के सहयोगी राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने घोषणा की है कि वो कांग्रेस में शामिल होंगे। संजय काकड़े ने महाराष्ट्र की पुणे लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी भी पेश की है। आपको बता दें कि संजय काकड़े पुणे के एक प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी हैं। एनसीपी के सदस्य रहे काकड़े राज्यसभा में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुने जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे और राज्यसभा में पार्टी के सहयोगी सांसद के तौर पर थे। काकड़े के कांग्रेस में शामिल होने को भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
भाजपा छोड़ते हुए काकड़े ने क्या कहा?
भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए रविवार को संजय काकड़े ने कहा, 'देश के अंदर बदली हुई परिस्थितियों को देखते हुए मैंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है। अगर शीर्ष नेतृत्व मुझे टिकट देता है, तो मैं अपनी पूरी क्षमता के साथ लोकसभा चुनाव लड़ूंगा। अगर मुझे टिकट नहीं मिलता, तो मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के फैसले का सम्मानपूर्वक पालन करूंगा और जो भी जिम्मेदारी मुझे सौंपी जाएगी, मैं उसे तहे दिल से स्वीकार करने को तैयार हूं।' माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अगले कुछ दिनों के भीतर ही पुणे सीट के लिए उम्मीदवारी पर अंतिम फैसला लेंगे।
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एक और उम्मीदवार भी टिकट की दौड़ में
वहीं, दूसरी तरफ संभाजी ब्रिगेड के पूर्व सहयोगी और मराठा कोटा आंदोलन के नेताओं में से एक प्रवीण गायकवाड़ ने भी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर पुणे लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने रविवार को कहा कि वह पुणे लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहते हैं। गायकवाड़ ने कहा कि कांग्रेस के पास इस सीट पर तीन लाख से ज्यादा का वोट बेस नहीं हैं, इसलिए एक ऐसा उम्मीदवार होना चाहिए, जो व्यक्तिगत तौर पर ज्यादा से ज्यादा वोट ले सके। गायकवाड़ ने उम्मीद जताई है कि मराठा आंदोलन के बाद पैदा हुई 'लहर' उनके पक्ष में जाएगी। वहीं, सूत्रों का कहना है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी गायकवाड़ की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। उनके पूर्व संगठन, संभाजी ब्रिगेड ने पुणे सीट के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया है।
'काकड़े को टिकट की गारंटी नहीं'
हालांकि इन दोनों नेताओं को पुणे कांग्रेस के पुराने नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। पुणे कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक भाजपा से आने वाले नेताओं का कांग्रेस में स्वागत किया जा सकता है, लेकिन संजय काकड़े को टिकट दिया जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। संजय काकड़े के भाजपा छोड़ने की अटकलें उसी वक्त तेज हो गईं थी, जब पिछले साल दिसंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी। यही नहीं, भाजपा के साथ उनके मतभेद उस वक्त भी नजर आए, जब उन्होंने पिछले महीने अजीत पवार से मुलाकात की। आपको बता दें कि वर्तमान में पुणे सीट से भाजपा के अनिल शिरोले मौजूदा सांसद हैं, जो एक बड़े मराठी चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी करीबी हैं।
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ये है 7 चरणों का चुनावी कार्यक्रम
आपको बता दें कि रविवार को चुनाव आयोग ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। चुनाव आयोग के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। पहला चरण का मतदान 11 अप्रैल, दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल, तीसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल, चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल, पांचवें चरण का मतदान 6 मई, छठें चरण का मतदान 12 मई और सातवें चरण का मतदान 19 मई को होगा। 23 मई को मतगणना की जाएगी। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार सभी बूथों पर वीवीपैट मशीन के जरिए मतदान कराया जाएगा।