बिहार में आखिरी दौर के चुनाव के लिए बेस्ट फिनिशर मोदी, नीतीश और पासवान आये लय में
बिहार: आखिरी दौर के लिए जुटे बेस्ट फिनिशर मोदी, नीतीश और पासवान
नई दिल्ली। बिहार में सातवें और अंतिम चरण के तहत 19 मई को आठ सीटों पर मतदान होना है। अंतिम दौर के चुनाव के लिए एनडीए ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि वे आगाज को एक अच्छे अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं। अब एनडीए ने छठे और सातवें चरण की सभी 16 सीटों को जीतने की नीति पर काम किया है। पिछले चुनाव में 15 सीटें एनडीए को मिली थीं। नालंदा सीट जदयू को जीत मिली थी। जदयू अब भाजपा के साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार में लगातार दो दिन तीन चुनावी सभाएं करने वाले हैं। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा बिहार में चुनावी कामयाबी के लिए किस हद तक गंभीर है। उत्तर प्रदेश में नुकसान की आशंका है। एनडीए इसकी कुछ भरपायी बिहार से करना चाहती है। इसलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह बिहार में कई चुनावी सभाएं करेंगे। पटना में रविशंकर प्रसाद के समर्थन में अमित शाह का रोड शो इसी अभियान का हिस्सा है। दूसरी तरफ नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी हर कमजोर कड़ी को समय रहते दुरुस्त करने की कोशिश में हैं। नीतीश, भाजपा को बक्सर और आरा में जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं रामविलास पासवान जदयू के लिए नालंदा में पसीना बहा रहे हैं।
14 मई को बिहार आएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 मई को बिहार आएंगे। उस दिन वे बक्सर और सासाराम में दो चुनावी सभाएं करेंगे। 15 मई को पीएम मोदी पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के पाली में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बक्सर में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और पाटलिपुत्र में केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के प्रचार के लिए पीएम मोदी खुद सक्रिय हैं। सासाराम में भाजपा के छेदी पासवान के खिलाफ कांग्रेस की मजबूत नेता और पूर्व स्पीकर मीरा कुमार खड़ी हैं। 2014 में छेदी पासवान ने मीरा कुमार को हराया था। इस बार हालात 2014 की तरह नहीं हैं। जीत को लिए जोर लगाना होगा। इसी बात को ध्यान में रख कर पीएम मोदी सी सभा यहां रखी गयी है।
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काराकाट में भी मोदी इफैक्ट
2014 के चुनाव में एनडीए को काराकाट और जहानाबाद में जीत मिली थी। दोनों सीटों पर रालोसपा को जीत मिली थी। लेकिन अब हालात बदल गये हैं। रालोसपा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा इस चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा हैं। पिछले चुनाव में वे काराकाट से जीते थे। इस बार वे महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। अब यहां से एनडीए के उम्मीदवार जदयू के महाबली सिंह हैं। काराकाट रोहतास जिले का हिस्सा है। रोहतास का मुख्यालय सासाराम है। यहां पीएम मोदी की सभा से न केवल छेदी पासवान को चुनावी लाभ मिलेगा बल्कि महाबली सिंह के पक्ष में भी एनडीए के वोटर गोलबंद होंगे।
रामविलास पासवान नालंदा में सक्रिय
नालंदा सीट पर भी भाजपा, जदयू और लोजपा के वरिष्ठ नेता अंतिम दौर में ताकत लगाये हुए हैं। 2014 में जदयू को नालंदा में तब जीत मिली थी जब उसके खिलाफ एनडीए ने चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में यहां जदयू को बहुत कम मार्जिन से जीत मिली थी। लोजपा ने जदयू को कड़ी टक्कर दी थी। कैशलेन्द्र कुमार हारते हारते बचे थे। इस लिए 2019 में एनडीए कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। चूंकि इस सीट पिछली बार लोजपा ने यहां अपनी ताकत दिखायी थी इस लिए 2019 में अब खुद रामविलास पासवान जदयू के लिए वोट मांग रहे हैं। उन्होंने 10 मई को नालंदा में एक चुनावी सभा की और अपने समर्थकों से जदयू उम्मीदवार कौशलेन्द्र कुमार को वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ज्यादातर चौकीदार पासवान जाति से ही आते हैं। राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है कह कर सभी पासवानों का अपमान किया है।
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जहानाबाद में एनडीए की संयु्क्त ताकत
जहानाबाद सीट पर भी एनडीए कोई ढिलायी नहीं बरतना चाहता। पिछले चुनाव में एनडीए की तरफ से जीते अरुण कुमार के लिए हालात बदल गये हैं। रालसोप से अलग हो कर वे अब ने अपनी खुद की पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार जदयू ने यहां एक नये चेहरे चंद्रेश्वर चंद्रवंशी को खड़ा किया है। चंद्रेश्वर को टिकट दिये जाने से भूमिहार समुदाय नाराज है। एनडीए के भूमिहार नेता नेता इस नाराजगी को दूर करने के लिए पसीना बहा रहे हैं। दूसरी तरफ जदयू गैरयादव मतों को एकजुट करने की कोशिश में है। इसी मकसद से उसने यह सीट एक अतिपिछड़े प्रत्याशी को दी है। जदयू को इस सीट पर अरसे से जीत की तलाश है और इसके लिए एनडीए की संयुक्त टीम बैटिंग कर रही है।
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