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BJP से टिकट कटने पर बोली मृगांका सिंह- 'बेटी हटाओ, अस्तित्व मिटाओ' के मंसूबे से किया गया ऐसा

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नई दिल्‍ली। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की जाट बहुल कैराना लोकसभा सीट से मृगांका सिंह का टिकट काट दिया है। दिवंगत बीजेपी सांसद हुकूम सिंह की बेटी मृगांका पिछले साल हुए उपचुनाव में आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन से हार गई थीं। बीजेपी ने यहां से प्रदीप चौधरी को टिकट दिया है। टिकट काटे जाने पर मृगांका सिंह का दर्द छलका है। एक न्‍यूज चैनल से खास बातचीत में मृगांका सिंह ने कहा कि उनका टिकट षड्यंत्र करके कटवाया गया है। उन्‍होंने कहा कि साजिशकर्ताओं ने तय कर लिया था 'बेटी हटाओ, अस्तित्व मिटाओ'। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन था पार्टी की ओर से मुझे मौका दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

BJP से टिकट कटने पर छलका मृगांका सिंह का दर्द, बोलीं- बेटी हटाओ, अस्तित्व मिटाओ के तहत हुई साजिश

जानकारी के मुताबिक मृगांका का टिकट काटने की पीछे की वजह इस सीट पर उपचुनाव में मिली हार है। इस हार से बीजेपी घबराई हुई है। दरअसल 2014 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी हुकुम सिंह ने जीत दर्ज किया था। लेकिन उनके निधन के बाद पैदा हुई लहर में भी उपचुनाव में उनकी बेटी मृगांका सिंह को आरएलडी प्रत्याशी तब्बसुम हसन से करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि अभी भी माना जा रहा है कि इस बार कैराना सीट से जीत हासिल कर पाना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगी।

Read Also- पहले मां फिर उसकी बेटी संग लिव इन में रहने लगा अधेड़, अवैध संबंध- शक और मारपीट का हुआ खौफनाक अंतRead Also- पहले मां फिर उसकी बेटी संग लिव इन में रहने लगा अधेड़, अवैध संबंध- शक और मारपीट का हुआ खौफनाक अंत

क्योंकि एक तरफ जहां एसपी, बीएसपी और आरएलडी गठबंधन से तब्बसुम हसन मैदान में हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी पूर्व सासंद और जाट नेता हरेंद्र मलिक के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार दिया है। जाट और मुस्लिम बहुल इस सीट से इस बार चुनाव निकालना बीजेपी के लिए मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में बीजेपी ने यहां से प्रत्याशी बदलने का फैसला लिया है।

जानिए कौन है मृगांका सिंह

मृगांका सिंह हुकुम सिंह की सबसे बड़ी बेटी हैं। उनकी पहचान एक बिजनेसवुमन, समाजसेविका और शित्राविद की है। सक्रिय राजनीति में वो 2014 के बाद आईं। 59 साल की मृगांका सिंह लगातार कहती रही हैं कि वह राजनीति के मामले में कोई अनाड़ी नहीं हैं और उन्होंने सात बार विधायक रहे अपने पिता के साथ काफी काम किया है। मृगांका सिंह की चार और बहने हैं लेकिन हुकुम सिंह की राजनीतिक विरासत उनको मिली है।

बहनों में सबसे बड़ी मृगांका सिंह को हुकुम सिंह ने खुद 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ाया था। मृगांका को युवा कार्यकर्ता बुआ जी कहकर बुलाते हैं। भले ही मृगांका एक बड़े नेता की बेटी हैं लेकिन जिंदगी में उन्होंने कई मुश्किल वक्त देखे हैं और अपनी काबिलियत से अपनी एक अलहदा पहचान बनाई है।

आर्ट्स में एमए और बीएड की पढ़ाई करने वाली मृगांका की शादी 1983 में गाजियाबाद के कारोबारी सुनील सिंह से हुई। ससुराल के लोगों के बहुत खुश ना होते हुए भी अपने ससुर के स्कूल को उन्होंने संभाला और फिर इस क्षेत्र में आगे बढ़ती गई। उन्होंने 200 बच्चों के स्कूल को नई उड़ान दी जब सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा था तो उनकी जदंगी में एक बड़ा हादसा हुआ।

1999 में उनके पति की एक कार दुर्घटना में मौत हो गई। उस वक्त उनकी तीन बेटिंया और एक बेटा 13 साल के से कम उम्र के थे। उन्होंने यहां से ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि अपने बच्चों और परिवार को भी संभाला। इतना ही नहीं जो छोटा सा स्कूल उन्हें अपने ससुर से 1987 में मिला उसकी आज पूरी चेन है। देहरादून पब्लिक स्कूल के नाम से उनके गाजियाबाद में चार और मुजफ्फरगनर में एक स्कूल है। इन स्कूलों में करीब 9000 बच्चे पढ़ रहे हैं।

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English summary
The daughter of a BJP leader who was the party's candidate in by-polls last year in Uttar Pradesh's Kairana has alleged a "conspiracy" after being passed over for next month's national election. Speaking to NDTV on Tuesday, the BJP's Mriganka Singh, holding back tears, hit out at her party using its slogan.
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