'अगर आपके बीच कोई गुंडागर्दी करने आया तो मैं उन गुंडों से बड़ी गुंडी बन जाऊंगी'
सपा के मजबूत गढ़ में भाजपा उम्मीदवार संघमित्रा मौर्य ने कहा, 'अगर आपके बीच कोई गुंडागर्दी करने आया तो मैं उन गुंडों से बड़ी गुंडी बन जाऊंगी'।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए यूपी का सियासी पारा अब गर्म होने लगा है। पहले और दूसरे चरण के नामांकन के बाद आज तीसरे चरण की अधिसूचना जारी होगी। वहीं, टिकट मिलने के बाद चुनाव प्रचार में लगे नेताओं ने भी जुबानी तीर चलाने शुरू कर दिए हैं। यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और बदायूं लोकसभा सीट से घोषित की गईं भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार संघमित्रा मौर्य ने बुधवार को एक चुनावी सभा में विवादित बयान देते हुए कहा कि अगर कोई गुंडा यहां गुंडागर्दी करने आया तो वो उस गुंडे से भी बड़ी गुंडी बन जाएंगी। संघमित्रा मौर्य के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
'संघमित्रा उन गुडों से भी बड़ी गुंडी बन जाएगी'
बुधवार को बदायूं लोकसभा क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा में संघमित्रा मौर्य ने कहा, 'आप लोग अपना आशीर्वाद मुझे दीजिए और अन्य लोगों का भी आशीर्वाद अपनी इस बेटी को दिलाइए। अगर आपके बीच में कोई दादागिरी करने आता है, गुंडागर्दी कराने आता है तो आप मत डरिएगा, क्योंकि उन गुंडों से भी बड़ी गुंडी संघमित्रा बन जाएगी। अगर किसी ने यहां पर आपके सम्मान, स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की तो संघमित्रा उन गुडों से भी बड़ी गुंडी बन जाएगी।'
ये भी पढ़ें- शिवपाल यादव की प्रत्याशी अनामिका जैन अंबर ने छोड़ा चुनाव, बताई बड़ी वजह
|
सपा का मजबूत गढ़ है बदायूं
आपको बता दें कि पिछले दिनों भाजपा की ओर से जारी की गई 184 उम्मीदवारों की पहली सूची में यूपी की 28 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया था। समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ मानी जाने वाली बदायूं लोकसभा सीट से भाजपा ने यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को उम्मीदवार बनाया है। बदायूं सीट से वर्तमान में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव सांसद हैं। संघमित्रा मौर्य को बदायूं के चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
कौन हैं संघमित्रा मौर्य?
संघमित्रा मौर्य यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं। संघमित्रा इससे पहले 2014 के लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर यूपी की मैनपुरी सीट से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुकी हैं। उस समय उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य बसपा में थे। इसके अलावा 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी वो एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से सपा के खिलाफ बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं थी। हालांकि इन दोनों ही चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। भाजपा ने अब उन्हें सपा के मजबूत गढ़ बदायूं से टिकट दिया है। बदायूं सीट पर पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा है।
त्रिकोणीय हुआ बदायूं का मुकाबला
बदायूं लोकसभा सीट से महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर सपा सांसद और मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव चुनाव मैदान में हैं। जबिक कांग्रेस ने बदायूं से पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरवानी को टिकट दिया है। धर्मेंद्र यादव 2009 से इस सीट से सांसद हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद 166347 वोटों के भारी अंतर से जीते थे। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस में शामिल होने से पहले समाजवादी पार्टी में थे और बदायूं सीट से ही सपा के टिकट पर चार बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में भाजपा ने संघमित्रा मौर्य को चुनाव मैदान में उतारकर बदायूं की सियासी जंग को त्रिकोणीय बना दिया है।
ये भी पढ़ें- मैनपुरी में SP-BSP के झंडे साथ देखकर क्या बोले मुलायम सिंह यादव?