आप नेताओं के साथ मतभेद के बीच अलका लांबा ने लिया बड़ा फैसला
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा ने आम आदमी पार्टी से मतभेद के बीच गुरुवार को ऐलान किया है कि वह इस लोक सभा चुनाव में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगी। अलका लांबा ने पार्टी पर के नेताओं पर आरोप लगाया है कि उनकी तमाम कोशिशों के बाद भी वह उनसे मिल नहीं रहे हैं, उन्हें पार्टी के आधिकारिक कार्यक्रमों से भी दूर रखा जा रहा है।
नेता मुलाकात नहीं कर रहे
अलका लांबा का कहना है कि पिछले चार महीनों से मैं अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात करने की कोशिश कर रही हूं , लेकिन किसी ने मुझे कोई जवाब नहीं दिया, लिहाजा मैंने फैसला लिया है कि मैं पार्टी के लिए प्रचार नहीं करूंगी। हालांकि उन्होंने यह साफ किया है कि वह अपने संसदीय क्षेत्र में काम जारी रखेंगी। लांबा ने कहा कि मेरे और पार्टी के बीच जो भी मतभेद चल रहा है उसका असर मेरे संसदीय क्षेत्र के लोगों पर नहीं पड़ेगा।
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मुझपर गलत आरोप लगाया गया
दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा सीट से आप विधायक अलका लांबा ने आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया है कि वह मेरे और मेरी पार्टी के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सौरभ भारद्वाज लगातार मुझपर आरोप लगा रहे हैं कि मैं कांग्रेस में शामिल हो सकती हूं और कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकती हूं। उन्होंने एक ट्वीट करके उनपर हमला बोलते हुए लिखा है कि उसका शक बेवज़ह मुझ पर ही रहा, छोड़ कर चला कोई और गया, समय रहते सम्भल सको तो सम्भल जाओ, वक्त बड़ा बलवान है।
केजरीवाल की आलोचना की
लांबा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी आलोचना की है, उन्होंने कहा कि जिस तरह से अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से पार्टी के लिए प्रचार करने की अपील की है उसकी वजह से पार्टी की छवि बतौर कमजोर पार्टी के तौर पर लोगों के बीच गई है। यह अपील दर्शाती है कि दिल्ली में आप कमजोर है। मुझे पिछले चार महीनों से मिलने का समय नहीं दिया गया।
इस वजह से हुआ मतभेद
बता दें कि अलका लांबा और आप के बीच मतभेद पिछले कुछ महीनों से चल रहा है। दरअसल पिछले वर्ष दिसंबर माह में आम आदमी पार्टी की ओर से एक प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमे कहा गया था कि राजीव गांधी का भारत रत्न वापस लिया जाए, जिसका लांबा ने विरोध किया और इस प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें पार्टी से और विधायक पद से इस्तीफा देने को कहा गया था। लेकिन लांबा ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था।