महागठबंधन के साथ मिली हार के बाद अब ये है अखिलेश का अगला कदम, किया ऐलान
लोकसभा चुनाव में BSP के साथ बने महागठबंधन के बावजूद यूपी में मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव ने अपने अगले कदम का ऐलान कर दिया है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव ने विपक्ष की उन सारी रणनीतियों को ध्वस्त कर दिया, जो केंद्र में फिर से मोदी सरकार को आने से रोकने के लिए बनाई गईं थी। मोदी लहर पर सवार भाजपा ने 303 सीटों पर फतह हासिल कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया। तो वहीं, एनडीए भी 353 के आंकड़े को छूकर पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गया। इस चुनाव में सबसे बड़ा झटका यूपी में बने सपा-बसपा और आरएलडी के महागठबंधन को लगा। महागठबंधन यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से महज 15 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाया। इनमें से बसपा को 10 और सपा के 5 सीटें ही मिलीं। वहीं, आरएलडी एक सीट भी नहीं जीत पाई। लोकसभा चुनाव में मिली इस करारी हार के बाद अब सपा मुखिया अखिलेश यादव का पहला बयान सामने आया है।
'जारी रहेंगी महापरिवर्तन लाने की कोशिश'
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश देते हुए कहा, 'समाजवादी पार्टी का हर कार्यकर्ता अब 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए और यह काम आज से ही शुरू कर दें। सपा कार्यकर्ता घर-घर जाएं और अभियान चलाकर प्रदेश व केंद्र सरकार की जन-विरोधी नीतियों के बारे में लोगों को बताकर उन्हें जागरुक करें। देश और प्रदेश में महापरिवर्तन लाने के लिए हमारी कोशिशें जारी रहेंगी। पार्टी के कार्यकर्ता समाज के हर वर्ग, खासकर गरीब और कमजोर तबके तक पहुंचे और उन्हें जागरूक करें। आज प्रदेश के युवा गंभीर संकट में हैं। इसके लिए हमें कॉलेज, यूनिवर्सिटी हर जगह जाना होगा, उनकी बातें सुननी होंगी।'
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'2022 में हम फिर से सत्ता में लौटेंगे'
अखिलेश यादव ने अपने पहले संदेश में आगे कहा, 'भाजपा झूठ की राजनीति करती है, लोगों को बरगलाती है। ऐसे में हमें अपनी विचारधारा ने उनका मार्गदर्शन करना होगा। हमें ऐसी ताकतों से सावधान रहना होगा। पार्टी से जुड़े हुए युवा भाजपा के दावों की पोल खोलते हुए रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रवैया अपनाएं। सबसे पहले आप सभी तथ्यों और आंकड़ों की सही जानकारी रखें और इसके बाद भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें बहस की चुनौती दें। सपा की सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा विकास किया और विकास के दम पर 2022 में हम फिर से सत्ता में लौटेंगे। जिन लोगों ने 2017 में भाजपा को वोट दिया, वो सभी आज दुखी हैं, पछता रहे हैं। हम जनता के बीच जाकर कड़ी मेहनत करनी है और प्रदेश में फिर से सपा की सरकार बनानी है।
BSP के साथ गठबंधन पर साधी चुप्पी
हालांकि इस दौरान अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर कुछ नहीं कहा। आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सपा और बसपा के बीच महागठबंधन बनाया गया था, जिसमें आरएलडी को भी शामिल किया गया। महागठबंधन के तहत बसपा को 38, सपा को 37 और आरएलडी को 3 सीटें चुनाव लड़ने के लिए दी गईं। दो लोकसभा सीटों- अमेठी और रायबरेली पर महागठबंधन ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था। बीते गुरुवार को जब लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी हुए तो महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा। मुलायम सिंह यादव के परिवार के तीन सदस्यों- डिंपल यादव, अक्षय यादव और धर्मेंद्र यादव को भी इस चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है।
मोदी लहर में हारे कांग्रेस के दिग्गज
वहीं, इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भी झटका लगा है, और 17 राज्यों में उसका खाता भी नहीं खुला। कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेताओं समेत 9 पूर्व मुख्यमंत्री भी चुनाव हार गए हैं। मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में शीला दीक्षित, उत्तराखंड में हरीश रावत, हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, महाराष्ट्र में अशोक चव्हाण समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। हार के बाद कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन कमेटी ने इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में पार्टी में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
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