Lok Sabha Election Results 2019: तेजप्रताप के ससुर की सीट सारण में कौन चल रहा है आगे?
पटना। लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों पर वोटों की गिनती हो रही है और नतीजों का सबको बेसब्री से इंतजार है। वैसे तो बिहार की सभी सीटों की अपनी एक अलग अहमियत है, मगर कुछ वीआईपी सीटें ऐसी हैं, जहां पर बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बिहार में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, चंद्रिका राय, अश्विनी चौबे, कन्हैया कुमार, शरद यादव , मीसा भारती, शत्रुघ्न सिन्हा, राजेश रंजन, रंजीत रंजन, राम कृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद, चिराग पासवान सरीखे कद्दावर नेता हैं, जिनके नतीजों पर सबकी नजरें हैं। बिहार में इस बार हर सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है। आईए आपको बताते हैं क्या है चंद्रिका राय की सीट का ताजा हाल। यह सीट इसलिए भी खास है क्योंकि चंद्रिका राय तेज प्रताप यादव के ससुर हैं और अपने दामाद का विरोध का सामना भी करना पड़ा है।
राजीव प्रताप रूड़ी से पीछे चल रहे हैं चंद्रिका राय
सारण लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी से राजीव प्रताप रुडी 171977 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं। राजद से चंद्रिका राय 115762 वोटों के साथ और बीएसपी से शिवजी राम 5833 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2014 में, सारण लोकसभा क्षेत्र से राजीव प्रताप रूडी का निर्वाचन हुआ था। उन्हें 355120 वोट मिले थे। उन्होंने राबड़ी देवी को 40948 वोटों से हराया था।
चंद्रिका राय को प्रत्याशी बनाते ही सामने आया था दामाद-समधी का मतभेद
उल्लेखनीय है कि आरजेडी ने जब सारण से चंद्रिका राय को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी, उस समय लालू प्रसाद यादव के बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए थे। तब तेज प्रताप यादव ने लालू-राबड़ी मोर्चा बनाते हुए जहानाबाद और शिवहर से अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया था। सारण सीट से चंद्रिका राय को टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि ये लालू यादव की पारंपरिक सीट रही है। उन्होंने कहा था कि वो अपनी मां राबड़ी देवी से इस सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध कर रहे हैं और ऐसा नहीं हुआ तो खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे।
राजनीतिक विरासत बचाने की जद्दोजहद
चंद्रिका राय की बात करें तो वे अपनी व लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक विरासत बचाने की कोशिश में हैं। चंद्रिका राय के पिता दारोगा प्रसाद राय बिहार के मुख्यमंत्री रहे। उनके परिवार की इलाके में पकड़ है। वहीं सारण को लालू प्रसाद यादव के परिवार की परंपरागत सीट भी माना जाता रहा है। सारण से ही लालू प्रसाद यादव सर्वाधिक चार बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। सबसे पहले 1977 में लालू इसी सीट से चुनाव जीतकर संसद गए थे। हालांकि, लालू को यहां से हार का भी सामना करना पड़ा। पहले इस संसदीय सीट का नाम छपरा था।
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