मोदी की बंपर जीत के साथ ही बड़े बीजेपी नेता ने फिर शुरू की 'राम मंदिर की रट'
नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राम मंदिर का मुद्दा भले ही प्रमुखता से न उठाया हो लेकिन दूसरी बार बहुमत से सरकार में आने के बाद राम मंदिर की मांग तेज हो गई है। मांग बीजेपी के अंदर से ही उठी है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नरेंद्र मोदी सरकार को राम मंदिर बनाने का प्लान बताया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर के निर्माण के संबंध में ट्वीट किया। स्वामी ने लिखा, नमो सरकार की तरफ से राम मंदिर के लिए कदम 1- सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेकर रामजन्मभूमि न्यास को जमीन वापस करने की अनुमति मांगे। 2- रामजन्मभूमि न्यास को मंदिर निर्माण के लिए 67.07 एकड़ जमीन सौंपे। 3- सुप्रीम कोर्ट से कहे कि जब टाइटल पर निर्णय होता तो सिर्फ मुआवजा दिया जाएगा।
कानून लाकर हो राम मंदिर का निर्माण
यह पहली बार नहीं है जब स्वामी ने राम मंदिर का राग अलापा हो। इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी नेराममंदिर मुद्दे को लेकर बड़ा बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा अयोध्या में रामंमदिर निर्माण के लिए सरकार विधेयक ला सकती है। कानून बनाकर मंदिर निर्माण होना चाहिए, विधेयक लाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। अब हिन्दु समाज और अधिक प्रतीक्षा करने के लिए तैयार नहीं है। राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक भव्य राममदिर का निर्माण कानून के मार्ग से ही संभव है।
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स्वामी ने राम मंदिर को राष्ट्र की अस्मिता की पहचान बताया
स्वामी ने पिछले साल दिसंबर में बीएचयू में एक व्याख्यान में कहा था कि राम मंदिर के निर्माण को राष्ट्र की अस्मिता की पहचान बताया था। इसे राष्ट्रीय पुनरुत्थान का विषय बताते हुए स्वामी ने कहा था कि कोर्ट आस्था के विषय में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती। स्वामी का कहना था कि अयोध्या में खुदाई के दौरान मंदिर होने के वैज्ञानिक सबूत मिल चुके हैं। उस जगह पर मंदिर था, इस बात को कोर्ट भी स्वीकार कर चुका है। स्वामी अक्सर ये दावा करते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर मुसलमानों को कोई आपत्ति नहीं है।
मुस्लिम चाहें तो सरयू नदी के उसपार मस्जिद बनाकर देते हैं
स्वामी ने कहा कि हाईकोर्ट में 16 साल मुकदमा चला था, दस्तावेज पेश हुये थे, सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेजों की समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि दर्शन के लिए जो अंकुश लगे हैं उसे हटा दें, सुविधा के लिए मेरी बात सुन लीजिए। हमारे मूलभूत अधिकार हैं, दर्शन करने वाले श्रद्धालु पसीना निकाल रहे हैं, धूप झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राममंदिर मसले पर कोई समझौता नहीं कर सकते। मुस्लिम चाहते हैं तो सरयू नदी के उस पार मस्जिद बना कर देते हैं।