बिन लालू सब सून: बिहार में तेजस्वी की अगुवाई वाली राजद का नहीं खुला खाता, महागठबंधन की करारी हार
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में बीजेपी-जदयू और लोजपा के गठबंधन के आगे राजद-कांग्रेस वाले महागठबंधन की बड़ी हार हुई है। एनडीए ने 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। बीजेपी ने सभी 17 सीटों पर जीत दर्ज की जिनपर उनके उम्मीदवार थे। वहीं, नीतीश कुमार की पार्टी ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की और रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा ने 6 की 6 सीटों पर जीत हासिल की। दूसरी तरफ, लालू यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी को बड़ा झटका लगा जब राजद अपना खाता भी नहीं खोल सकी।
राजद का बिहार में नहीं खुला खाता
पिछले लोकसभा चुनाव में 4 सीट जीतने वाली राजद का इस लोकसभा चुनाव में खाता नहीं खुला। आरजेडी, कांग्रेस, रालोसपा, हम और वीआईपी के गठबंधन को केवल एक सीट, किशनगंज से संतोष करना पड़ा। चारा घोटाला केस में लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी ने पार्टी की कमान संभाली थी। लोकसभा चुनाव के पहले तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच विवाद सामने आया था, तेज प्रताप कई मौकों पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देते रहे, उन्होंने बगावती तेवर अख्तियार कर लिए थे।
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तेज प्रताप और मीसा के साथ विवाद भी रहा खबरों में
तेजस्वी यादव पूरे चुनाव में आक्रामक नजर आए और उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमले बोले। उन्होंने कई मुद्दों पर ट्वीट कर बीजेपी को घेरने की कोशिश की थी। लेकिन मीसा भारती और तेज प्रताप के साथ विवाद भी अक्सर सुर्खियों में रहा। चुनाव में हार के बाद तेजस्वी ने पीएम मोदी को जीत की बधाई दी और कहा कि उम्मीद है कि वे रोजगार, अर्थव्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर काम करेंगे। पिछले 40 सालों में ये पहला मौका था जब लालू यादव बिहार में हो रहे चुनाव में नहीं थे, उनकी गैरमौजूदगी में तेजस्वी ने महागठबंधन को लीड करने का काम किया।
लालू की गैर-मौजूदगी पड़ी भारी
राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन को बिहार में एनडीए के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा में 300 का आंकड़ा पार कर लिया, साल 2014 में पार्टी ने 282 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एनडीए ने इस चुनाव में 542 सीटों में से 352 पर जीत हासिल की जबकि 87 सीटों पर यूपीए और 103 पर अन्य दलों के उम्मीदवारोंं को जीत मिली है।
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