नेहरू और शास्त्री की सीटें रहीं फूलपुर, इलाहाबाद में कांग्रेस नहीं बचा सकी जमानत
कभी नेहरू और शास्त्री की सीटें रहीं, कांग्रेस नहीं बचा सकी जमानत
नई दिल्ली। मौजूदा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी हार हुई है। देश में जहां उसे 52 तो उत्तर प्रदेश में महज एक सीट, रायबरेली पर जीत मिली है। उत्तर प्रदेश में पार्टी के लिए शर्मिंदगी वाली बात ये भी है कि कभी कांग्रेस का गढ़ रहीं इलाहाबाद और फूलपुर जैसी सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई। जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की इन दोनों सीटों पर पार्टी जमानत बचाने के लिए जरूरी 16.67 प्रतिशत वोट हासिल करना तो दूर चार प्रतिशत वोट भी नहीं हासिल कर पाई।
इलाहाबाद, दो पूर्व पीएम कर चुके प्रतिनिधित्व
इलाहाबाद में कांग्रेस के योगेश शुक्ला को 31,953 वोट मिले। ये मत प्रतिशत का महज 3.59 है। इलाहाबाद से भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी 4,94,454 वोट लेकर जीतीं, उन्हें 55.62 फीसदी वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के राजेंद्र सिंह पटेल को 3,10,179 वोट मिले। उनका मत प्रतिशत 34.89 रहा।
इलाहाबाद सीट कांग्रेस के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि यहां से कांग्रेस के कई बड़े नेता सांसद रहे हैं। देश के दूसरे प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लाल बहादुर शास्त्री 1957 और 1962 में इलाहाबाद सीट से जीते। पूर्व पीएम वीपी सिंह भी 1980 में यहां से सांसद रहे हैं।
फूलपुर, तीन बार नेहरू बने सांसद
फूलपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी पंकज पटेल को महज 32,617 (3.35 प्रतिशत) वोट मिले। यहां से भाजपा के केसरी देवी पटेल 5,44,701वोट लेकर विजयी रहे। सपा के पंधारी यादव 3,72,733 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस प्रत्याशी कभी की मुकाबले में नहीं आ पाए।
फूलपुर सीट का कांग्रेस के लिए क्या महत्व है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1952 से 1962 तक तीन बार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू यहां से सांसद रहे। उनके बाद जवाहर लाल नेहरू की बहन, यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली क पहली महिला अध्यक्ष रही विजय पंडित ने दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया।लेकिन मौजूदा चुनाव में कांग्रेस को यहां से 4 फीसदी मत भी नहीं मिले।
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