बंगाल में 'दीदी' को भारी नुकसान: 40 फीसदी वोट शेयर के साथ बीजेपी ने जीतीं 18 सीटें
नई दिल्ली। इस बार के लोकसभा चुनाव में अमित शाह की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में सेंध लगाने में सफल हुई है। ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब बीजेपी राज्य की 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। इससे यह साबित होता है कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी के उस मजबूत किले को ढहा दिया है जिसे अब तक अजेय समझा जाता था।
बीजेपी को सीटें तो मिली ही साथ में ये एक और फायदा हुआ
लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 42 में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि ममता बनर्जी के खाते में 22 सीटें आई हैं। जबकि कांग्रेस के खाते में 2 सीटों गई हैं। यही नहीं बीजेपी राज्य में सीट जीतने में तो कामयाबी हासिल की ही है साथ में वोट प्रतिशत भी बढ़ें हैं। राज्य के कुल 40 प्रतिशत वोट बीजेपी के खाते में गए हैं। बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ना तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लिए नई राजनीतिक मुसिबत खड़ी कर सकती है। क्योंकि ममता बनर्जी शुरू से ही यह कहती आ रहीं थी कि बीजेपी यहां फ्लाप साबित होगी लेकिन वैसा हुआ नहीं।
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ममता के गढ़ मे सेंध लगाने जुटी हुई थी बीजेपी की पूरी टीम
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी चुनाव से पहले ही यह कहते हुए नजर आए थे इस बार उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में जुरूर अच्छा करेगी। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि बीजेपी पश्चिम बंगाल में 42 में से 23 सीटों पर जीत हासिल करेगी, हालांकि वो अलग बात है कि कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लिए। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के स्कोर के पीछे पार्टी के कई नेताओं ने काफी अहम भूमिका निभाई है। इसमें महासचिव कैलाश वियजवर्गीय और संयुक्त महासचिव (संगठन) शिवर प्रकाश ने कार्यकर्ताओं में जोश पैदा किया और टीएमसी के गढ़ में सेंध लगा दी।
ममता के नारे को बीजेपी ने बनाया हथियार
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता बनर्जी के नारे को ही हथियार बनाकर चुनाव मैदान में उतरी। दरअसल ममता बनर्जी ने राज्य में लेफ्ट के शासन को खत्म करने के लिए 'चुपचाप फूल छाप' का नारा दिया था लेकिन बीजेपी ने ममता के इस नारे ढाल बनाते हुए इस्तेमाल किया और कहा कि 'चुपचाप कमल छाप'। बीजेपी के इस नारे का मतलब था चुपचाप कमल के निशान पर वोट डाल दो। जिसका असर चुनाव परिणाम में देखने को भी मिला।
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