मायावती के साथ गठबंधन में किस सीट से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश और मुलायम, हुआ ऐलान
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में सीटों के बंटवारे पर चल रही अंतिम दौर की बातचीत के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीटों का ऐलान हो गया है।
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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में सीटों के बंटवारे पर चल रही अंतिम दौर की बातचीत के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की लोकसभा सीटों का ऐलान हो गया है। अखिलेश यादव पहले ही यह ऐलान कर चुके थे कि वो 2019 का लोकसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए यूपी में सपा, बसपा और आरएलडी के बीच महागठबंधन बन रहा है, जिसमें सीटों के बंटवारे का ऐलान होना अभी बाकी है। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की सीटों के ऐलान के साथ ही यूपी का सियासी पारा भी चढ़ गया है।
कन्नौज से अखिलेश, मैनपुरी से मुलायम
अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ में आयोजित कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में ऐलान किया कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वो यूपी की कन्नौज सीट से और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। कन्नौज सीट सपा का गढ़ मानी जाती रही है और वर्तमान में अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव वहां से सांसद हैं। हालांकि अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से चुनाव लड़ने के संकेत पहले ही दे दिए थे लेकिन आधिकारिक ऐलान गुरुवार को किया गया।
मैनपुरी में एक तीर से कई निशाने
पिता मुलायम सिंह यादव को मैनपुरी से चुनाव लड़ाने के पीछे भी अखिलेश यादव की विशेष रणनीति है। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी और आजमगढ़ दो सीटों से चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी। चुनाव जीतने के बाद मुलायम सिंह ने मैनपुरी सीट से इस्तीफा दे दिया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि 2017 के विधानसभा चुनाव और नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी को अपने ही गढ़ मैनपुरी में हार का सामना करना पड़ा। अखिलेश यादव मानते हैं कि मैनपुरी सीट से अगर मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़े तो सपा के पुराने गढ़ एटा, इटावा और फिरोजाबाद में भी सपा को फायदा होगा।
डिंपल यादव नहीं लड़ेंगी लोकसभा चुनाव
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि 2019 में उनकी पत्नी डिंपल यादव लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। अखिलेश यादव ने कहा, 'समाजवादी पार्टी के ऊपर लोग परिवारवाद का आरोप लगाते हैं, इसीलिए उनकी पत्नी डिंपल यादव इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी।' सीटों के बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर अखिलेश ने स्पष्ट जवाब ना देते हुए कहा कि यूपी में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए जो भी संभव होगा, किया जाएगा। भाजपा ने लोगों से केवल झूठे वायदे किए और उनका सच अब जनता जान चुकी है।
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