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चिराग पासवान को आई बीजेपी की याद, कहा- भाजपा ने मुझे अकेला छोड़ दिया

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नई दिल्ली, जून 22: अपने चाचा पशुपति कुमार पारस द्वारा खुद की ही पार्टी से बेदखल किए जाने के बाद अब चिराग पासवान ने बीजेपी पर निशाना साधा है। पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान ने जद (यू) और भाजपा की भूमिका और प्रियजनों द्वारा विश्वासघात पर बोलते हुए कहा कि, अधिकांश पार्टी अभी भी उनके साथ है। द हिंदू को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने कहा कि, संकट में बीजेपी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया।

इसलिए बीजेपी ने छोड़ा चिराग का साथ

इसलिए बीजेपी ने छोड़ा चिराग का साथ

क्या उनका समीकरण गड़बड़ हो गया क्योंकि उन्होंने बिहार चुनाव में एनडीए को नुकसान हुआ और राजद के फायदा हुआ। क्या इसी वजह से बीजेपी ने भी उनका साथ छोड़ दिया? इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि, हां, मुझे लगता है कि उन्होंने मुझे छोड़ दिया है। बीजेपी से किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है। यह दुख की बात है, क्योंकि मैंने और मेरे पिता रामविलास पासवान ने पूरे दिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व का तब समर्थन किया जब कोई भी नरेंद्र मोदी जी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं था।

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'सीएए/एनआरसी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क्या रुख है?''

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चिराग पासवान ने कहा कि, जब नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ा तो मेरे पिता ही थे जो राम मंदिर हो, अनुच्छेद 370, सीएए और तीन तलाक पर भाजपा के साथ खड़े थे। मुझे संदेह है कि जद (यू) इन सभी मुद्दों पर उनके साथ खड़ी है। मैं जानना चाहता हूं कि सीएए/एनआरसी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का क्या रुख है? आज, जब मुझे उनकी जरूरत थी, तो मुझे उम्मीद थी कि वे (बीजेपी) मुझसे संपर्क करेंगे। अब तक मुझे किसी का संदेश नहीं मिला है।

'अकेले चुनाव लड़ने का कोई पछतावा नहीं'

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जब चिराग पासवान से ये पूछा गया कि, - क्या आपको बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अकेले जाने और जेडीयू के खिलाफ प्रचार करने के अपने फैसले पर पछतावा है? तो उन्होंने कहा कि, हरगिज नहीं.....मुझे अपने राज्य के लोगों से जिस तरह का समर्थन मिल रहा है, वह सिर्फ इसलिए है क्योंकि मैंने वह चुनाव अकेले लड़ा था। हर कोई नीतीश कुमार का विकल्प चाहता था। एलजेपी को गठबंधन में केवल 15 सीटों की पेशकश की गई थी।

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नीतीश पर बोला तीखा हमला

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उन्होंने कहा कि, अगर मैं इसके लिए राजी हो जाता, तो अगले चुनाव के समय तक एलजेपी के पास एक ही विकल्प बचा होता कि हमारा किसी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय पार्टी में विलय हो जाता। इसके अलावा, आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ आगे नहीं बढ़ सकते जो आपकी विचारधारा का सम्मान नहीं करता है। नीतीश कुमार किसी अन्य सहयोगी को जगह दिए बिना अपना एजेंडा तय करना चाहते हैं। 'गठबंधन सरकारें न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर चलती हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कैसे जा सकता हूं जिसने मेरे पिता को अपमानित किया है, उन्हें बदनाम करने, हराने और नष्ट करने की कोशिश की है? यह पहली बार नहीं है जब वह मेरी पार्टी तोड़ रहे हैं। उन्होंने 2005 में ऐसा किया था, जब उन्होंने फरवरी के चुनाव के बाद एलजेपी विधायकों पर डोरे डाले। ठीक ऐसे ही उन्होंने उन्होंने मटिहानी से जीतने वाले एलजेपी विधायक को छीन लिया। यह उनकी आदत रही है।

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English summary
Lok Janshakti Party Chirag Paswan says BJP abandoned me in crisis
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