राजस्थान से दिल्ली तक टिड्डी दल ने फैलाया आतंक, कोरोना संकट की बीच बन रही बड़ी परेशानी
नई दिल्ली। देश में इस समय टिड्डी दल ने आतंक मचाया हुआ है। कई बड़े राज्य इनकी चपेट में है। राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी ये फसलों को चट कर रही हैं। राजधानी दिल्ली की ओर भी टिड्डियां बढ़ रही हैं। दिल्ली में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में ये एक बड़ी परेशानी बन रही हैं।
टिड्डी दल देश में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इस दफा जिस तरह से इनका हमला हुआ है वो दो दशकों में सबसे खराब स्थिति है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने कहा है कि टिड्डियां दुनिया के सबसे पुराने प्रवासी कीटों में से एक हैं। रेगिस्तानी टिड्डी (जो इस समय देश में फसलों को खा रही है) सबसे विनाशकारी है। यह पूरी दुनिया की 20 प्रतिशत जमीन को आसानी से प्रभावित करन सकती हैं और दुनिया की आबादी के दसवें हिस्से की आजीविका को नुकसान पहुंचाती हैं।
ये टिड्डियां एक एक दिन में अपने शरीर के वजन के बराबर अनाज खाती हैं। ये खाद्य फसलों और चारा खाना पसंद करते हैं। भारत में टिड्डियों को आमतौर पर जुलाई और अक्टूबर के बीच देखा जाता है। हालांकि इस साल ये पहले ही आ गई हैं, जिसने चिंताओं को बढ़ा दिया है।
मूल रूप से पश्चिम एशिया में पाया जाने वाली ये टिड्डियां करीब 90 जिन जिंदा रहती हैं। 90 दिनों तक रहता है। अंड़े से निकल कर इनका बच्चा 6 सप्ताह के बाद वयस्क हो जाते हैं। वयस्कों को परिपक्व होने में एक महीना लगता है और वो अंडे देने के लिए तैयार हो जाता है। इनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ती है। इनकी संख्या तीन महीने में 20 गुना बढ़ सकती है, छह महीने के बाद 400 गुना और नौ महीने के बाद 8000 गुना हो सकती है। वे आमतौर पर मानसून की शुरुआत में भारत में पलायन करते हैं क्योंकि बारिश इनके अस्तित्व और प्रजनन के लिए अनुकूल होती है। ये टिड्डियां हर दिन 150 किमी तक उड़ सकती हैं और बड़ी दूरी तक जा सकती हैं।
दिल्ली, नोएडा में भी हो सकता है टिड्डी दल का हमला, जारी किया गया अलर्ट