टिड्डियों के आतंक से सहमे किसान, ओडिशा में जारी किया गया अलर्ट
भुवनेश्वर। कोरोना संकट के बीच एक और संकट आ गया है जिससे किसान बहुत परेशान हैं। पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंची टिड्डियों की वजह से किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है। ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी के तहत विस्तार शिक्षा निदेशालय ने मंगलवार को किसानों को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें फसलों और वनस्पतियों पर कहर बरपाने वाले टिड्डियों के हमले के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है।
ओडिशा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी ने एक निर्देश में कुछ कदम सूचीबद्ध किए हैं जिससे राज्य के किसानों को टिड्डियों से निपटने के सर्वोत्तम तरीकों का पालन करने के लिए कहा गया है। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले किसानों को सतर्क रहने और इस संबंध में एहतियात के तौर पर सूर्यास्त के बाद 5% नीम बीज कर्नेल अर्क (NSKE) 200 लीटर प्रति एकड़ फसलों और वनस्पतियों के छिड़काव जैसे तत्काल कदम उठाने के लिए कहा गया है।
किसानों से कहा गया है कि खेतों में टिड्डियों का हमला होने पर पटाखे, ढोल, नगाड़ा, थाली इत्यादि बजा बजाकर इन्हें बैठने से रोका जा सकता है। आपको बता दें कि ऐसा कहा जाता है कि टिड्डियों का दल सुबह 7 बजे से लेकर करीब शाम के 7 बजे तक उड़ता रहता हैं। इसके बाद टिड्डियां सो जाती हैं, जिसके बाद इन्हें मारा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि टिड्डी को दुनिया में सबसे विनाशकारी प्रवासी कीट माना जाता है और एक वर्ग किलोमीटर में फैले एक झुंड में 8 से 15 करोड़ तक टिड्डी हो सकती हैं। टिड्डियों को औसत आकार 2 से ढ़ाई इंच तक का होता है। इतना ही नहीं अगर डेढ़ लाख टिड्डियों का वजन किया जाए तो वह करीब एक टन तक हो सकता है।
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